Delhi: के जल बोर्ड को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसे मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को 15 मार्च को सौंपी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें जल बोर्ड की वित्तीय स्थिति और उसके प्रबंधन को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं।
Delhi: 28400 करोड़ रुपये फंड के बावजूद जल बोर्ड में फंड की कमी
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 6 साल से जल बोर्ड की बैलेंस शीट नहीं बनाई गई थी और 2021-2023 के बैलेंस शीट भी तैयार नहीं हैं। दिल्ली सरकार ने जल बोर्ड को 28400 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन इसके बावजूद जल बोर्ड फंड की कमी का दावा कर रहा है। इसके अलावा, जल बोर्ड ने 73000 करोड़ रुपये का लोन लिया है, जो अब डूबने की बात कही जा रही है।
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Delhi: बीजेपी ने जल बोर्ड में विजिलेंस जांच की मांग की
बीजेपी ने जल बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की है। इसके साथ ही, बीजेपी विधायक दल ने एलजी से मुलाकात करने और राष्ट्रपति को मेमोरेंडम देने का भी निर्णय लिया है। उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रही है और उन्हें दूषित पानी पीने के लिए मजबूर कर रही है।
Delhi: जल बोर्ड की निष्क्रियता पर बढ़ती नाराजगी
बीजेपी विधायक करतार सिंह तवर ने आरोप लगाया है कि जल बोर्ड के तहत कोई काम नहीं हो रहा है, और छतरपुर में टैंकर सेवाओं के लिए 8 महीने से भुगतान नहीं किया गया है। टैंकर ऑपरेटरों ने हड़ताल की चेतावनी दी है यदि उनकी पेमेंट नहीं की जाती है।
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Delhi: सरकार पर गंभीर आरोप
बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली के लोगों को गुमराह करने और जल बोर्ड में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार की निष्क्रियता के कारण दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है, और इसके लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
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