New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि अब भारत का क्रिमिनल सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी हो गया है। इस कदम से अंग्रेजों के पुराने कानूनों को निरस्त कर भारत के नए कानून लागू किए जाएंगे। इस परिवर्तन से भारतीय न्याय प्रणाली में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।
ऐतिहासिक कदम
New Delhi: अमित शाह ने घोषणा की कि आज से यह बदलाव हर थाने में लागू हो जाएगा। इससे भारतीय कानून व्यवस्था को अधिक आधुनिक और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी। उन्होंने कहा, “हमारे नए कानून भारतीय परिस्थितियों और समाज के अनुसार तैयार किए गए हैं, जिससे जनता को न्याय मिलने में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
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थानों में बदलाव
हर थाने में अब नए कानून लागू होंगे, जो भारतीय संविधान और भारतीय संस्कृति के अनुरूप होंगे। अमित शाह ने कहा, “यह कदम न केवल हमारी न्याय प्रणाली को मजबूत करेगा बल्कि इसे हमारे समाज के लिए अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाएगा।”
अंग्रेजों के कानूनों का निरस्त होना
अंग्रेजों के समय के पुराने कानूनों को निरस्त किया जाएगा। यह निर्णय भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्षों बाद एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे देश की न्याय प्रणाली में औपनिवेशिक प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त किया जाएगा।
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जनता की प्रतिक्रिया
New Delhi: इस ऐतिहासिक कदम पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कई लोग इसे भारतीय न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता और स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम मानते हैं। वे इसे भारतीय समाज के लिए एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं।
विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाने में मदद करेगा। नए कानूनों के तहत, जनता को न्याय मिलने में कम समय लगेगा और प्रक्रियाएं अधिक सरल होंगी।
New Delhi: निष्कर्ष
अमित शाह द्वारा की गई यह घोषणा भारतीय न्याय प्रणाली में एक नया युग लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अंग्रेजों के पुराने कानूनों को निरस्त कर भारत के नए कानून लागू करने से न्याय प्रणाली में पारदर्शिता, तेजी और प्रभावशीलता बढ़ेगी। यह निर्णय भारतीय समाज और न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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