New Delhi: 15 अगस्त को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली, आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाने का एलान

New Delhi: किसान संगठनों ने 15 अगस्त को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने और नए आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाने का एलान किया है। इस घोषणा के साथ ही किसान संगठनों ने एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन की राह पकड़ ली है। कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित बैठक में किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने एमएसपी सी 2+50 गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल लाने और अन्य सभी 12 मांगों पर चर्चा की।

बैठक और मांगें:

किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की बैठक में प्रमुख रूप से एमएसपी गारंटी कानून, कृषि सुधार, और किसानों की अन्य मांगों पर विस्तृत चर्चा की गई। किसान संगठनों ने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को अनदेखा किया है और अब समय आ गया है कि वे अपनी आवाज को और मजबूत तरीके से उठाएं।

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ट्रैक्टर रैली और विरोध प्रदर्शन:

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली में किसान बड़ी संख्या में शामिल होंगे और नए आपराधिक कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज करेंगे। किसान संगठनों का कहना है कि ये कानून उनके हितों के खिलाफ हैं और उन्हें तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

एमएसपी गारंटी कानून पर जोर:

बैठक में एमएसपी सी 2+50 गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाना चाहिए ताकि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके।

अन्य मांगें:

किसानों ने अपनी 12 अन्य मांगों को भी दोहराया, जिनमें से प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी
  2. कृषि सुधार कानूनों की वापसी
  3. किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी
  4. बिजली बिल 2020 को रद्द करना
  5. किसानों की कर्ज माफी
  6. फसल बीमा योजना में सुधार
  7. खाद और बीज की आपूर्ति में सुधार
  8. कृषि के लिए पर्याप्त पानी की आपूर्ति
  9. किसानों के लिए पेंशन योजना
  10. मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा
  11. खेती के लिए आवश्यक उपकरणों की सस्ती उपलब्धता
  12. किसान मजदूरों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं

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सरकार की प्रतिक्रिया:

सरकार ने अभी तक किसान संगठनों की नई घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सरकार के प्रतिनिधियों ने पहले कहा था कि वे किसानों की सभी जायज मांगों को सुनने और समाधान निकालने के लिए तैयार हैं।

समाज पर प्रभाव:

किसानों के इस नए आंदोलन से दिल्ली में एक बार फिर तनाव का माहौल बन सकता है। हालांकि, किसान संगठन यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनका विरोध शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से हो।

निष्कर्ष:

New Delhi: किसान संगठनों की यह घोषणा उनके अधिकारों और मांगों के लिए एक मजबूत संकेत है। यह आंदोलन उनके लिए महत्वपूर्ण है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। अगर सरकार और किसान संगठन आपस में संवाद और बातचीत के माध्यम से समाधान निकाल सकें, तो यह सभी के लिए लाभकारी होगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह आंदोलन क्या मोड़ लेता है और किस दिशा में आगे बढ़ता है

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धर्मेंद्र वाजपेई : दैनिक भास्कर, शाह टाइम्स , लोकसत्य , पीसमेकर समेत देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र ,पत्रिकाओं में दायित्व निर्वहन के पश्चात वर्तमान मे विभिन्न प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में विगत 20 वर्षों से राजनैतिक, समसामयिक एवं अपराधिक खबरों पर स्वतंत्र विश्लेषक के रूप में सक्रिय हैं।
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