Delhi भलस्वा डेयरी में डिमोलिशन पर भारी विवाद, हजारों लोग सड़कों पर, घर से बेघर होने का भय

Delhi के भलस्वा डेयरी क्षेत्र में डिमोलिशन की कार्यवाही को लेकर सोमवार सुबह जबरदस्त हंगामा हुआ। नगर निगम की घोषणा के बाद हजारों स्थानीय

Delhi के भलस्वा डेयरी क्षेत्र में डिमोलिशन की कार्यवाही को लेकर सोमवार सुबह जबरदस्त हंगामा हुआ। नगर निगम की घोषणा के बाद हजारों स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और मुख्य सड़क को जाम कर दिया। अपने घरों से बेघर होने के डर से परेशान लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे प्रशासन को डिमोलिशन की कार्यवाही फिलहाल रोकनी पड़ी है।

दिल्ली के भलस्वा डेयरी क्षेत्र में सोमवार की सुबह तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला, जब नगर निगम द्वारा डिमोलिशन की कार्यवाही की घोषणा के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय निवासियों की बढ़ती चिंताओं और भय का परिणाम है, जो अपने घरों से बेघर होने के डर से आक्रोशित हो गए हैं।

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मामले की शुरुआत 9 अगस्त को हुई थी जब दिल्ली हाई कोर्ट में भलस्वा डिमोलिशन मामले की सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने नगर निगम को 16 अगस्त तक सभी संबंधित दस्तावेज और एफिडेविट जमा करने के निर्देश दिए थे, और इस दौरान डिमोलिशन पर अस्थायी रोक लगाई गई थी।

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Delhi भलस्वा डेयरी में डिमोलिशन पर भारी विवाद, हजारों लोग सड़कों पर, घर से बेघर होने का भय 3

हालांकि, अचानक रविवार को नगर निगम के डीसी द्वारा सोमवार सुबह से डिमोलिशन कार्यवाही शुरू करने का आदेश जारी कर दिया गया। इस आदेश के बाद सुबह 6:00 बजे नगर निगम की टीम जेसीबी मशीनों और पुलिस बल के साथ भलस्वा डेयरी क्षेत्र में पहुंची। इस कदम को देखकर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने तुरंत मुख्य सड़क को जाम कर दिया।

विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस और प्रशासन की टीम को कार्यवाही रोकनी पड़ी। प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें अपने घरों से बेघर किए जाने का डर सता रहा है, और वे इसके खिलाफ हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

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इस डिमोलिशन की कार्यवाही एक निजी संस्था संचालिका सुनैना सिब्बल की शिकायत पर आधारित है। उन्होंने भलस्वा डेयरी में हो रहे पशुपालन पर आपत्ति जताई थी, यह दावा करते हुए कि वहां का वातावरण प्रदूषित झील और लैंडफिल साइड के कारण बेहद खराब है। सुनैना सिब्बल ने कोर्ट से डेयरी को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग की थी, ताकि पशुक्रूरता रोकी जा सके और वहां का दूध सुरक्षित हो।

फिलहाल, प्रशासन ने डिमोलिशन की कार्यवाही को रोक दिया है, लेकिन इस पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह स्पष्ट नहीं है। स्थानीय लोगों में अपने घरों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है और उनका विरोध प्रदर्शन जारी है। यह देखना होगा कि प्रशासन और कोर्ट इस मामले को किस तरह सुलझाते हैं।

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