Haryana में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर असंतोष और इस्तीफों का सिलसिला तेज हो गया है, खासकर टिकट वितरण के बाद। सावित्री जिंदल और रणजीत चौटाला के बागी तेवरों के बाद भाजपा के सामने चुनौती और बढ़ गई है। सावित्री जिंदल, जो भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां और पूर्व मंत्री हैं, ने टिकट न मिलने के बाद बगावती रुख अपना लिया है और कहा है, “मैं तो चुनाव लड़ूंगी।” यह बयान राजनीतिक हलचल को और तेज कर गया है।
भाजपा के टिकट वितरण पर नेताओं की बगावत से असंतोष की लहर
रतिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण नापा ने भी भाजपा से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया और उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। वहीं, हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह को भी भाजपा से टिकट नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने भी अपनी नाराजगी जाहिर की और चुनाव लड़ने का ऐलान किया। हालांकि, उन्होंने अपने अगले कदम पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है।
फतेहाबाद से सतपाल बाजीगर और गुरमीत बाजीगर ने भी भाजपा छोड़ दी है, जिससे पार्टी के भीतर असंतोष और गहरा हो गया है। भाजपा महिला मोर्चा की पानीपत जिलाध्यक्ष आशु शेरा ने भी इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनके पति सत्यवान शेरा को इसराना से टिकट नहीं मिला।
भाजपा के टिकट वितरण से कई नेता नाराज हैं, और इससे पार्टी के भीतर असंतोष की लहर फैल गई है, जो आगामी चुनावों में पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।