Delhi News: विधान हत्या दिवस: 25 जून को इमरजेंसी की याद में केंद्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय
Delhi News: केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। यह तिथि विशेष रूप से 25 जून 1975 की आपातकाल की याद में चुनी गई है, जब देश में इमरजेंसी लागू की गई थी। गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।
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इमरजेंसी की याद और लोकतंत्र पर आघात
Delhi News: गृह मंत्रालय के इस फैसले के पीछे का उद्देश्य उस दिन को याद करना है जब भारतीय लोकतंत्र पर एक बड़ा आघात पहुंचा था। इमरजेंसी के दौरान नागरिक अधिकारों का हनन, राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी, और मीडिया पर सेंसरशिप लागू की गई थी। यह कदम संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ एक गंभीर उल्लंघन माना गया था।
जनता को कठिनाइयों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का महत्व याद दिलाना
सरकार का मानना है कि इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने से जनता को उस समय की कठिनाइयों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के महत्व को याद दिलाया जा सकेगा। यह दिवस उन लोगों को भी सम्मान देने का एक तरीका होगा जिन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ संघर्ष किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना योगदान दिया।
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस निर्णय के बाद, विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह निर्णय संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्वता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
गृह मंत्रालय का नोटिफिकेशन और आगामी कार्यक्रम
गृह मंत्रालय के इस नोटिफिकेशन के अनुसार, हर साल 25 जून को विभिन्न कार्यक्रमों और चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि नई पीढ़ी को भारतीय लोकतंत्र की ऐतिहासिक घटनाओं और संविधान की महत्वता के बारे में जागरूक किया जा सके।