Delhi News: महिला आयोग (DCW) के कर्मचारियों को पिछले छह महीनों से सैलरी नहीं मिली है, जिससे वे गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब हमें पता चलता है कि इस स्टाफ़ में एसिड अटैक और रेप सर्वाइवर्स भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों के लिए आयोग में काम करना उनके पुनर्वास और समाज में फिर से अपनी पहचान बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, लेकिन सैलरी न मिलने से उनकी स्थिति और भी कठिन हो गई है।
आयोग में वित्तीय संकट इतना गहरा हो चुका है कि अब काग़ज़ और स्टेशनरी ख़रीदने तक का पैसा नहीं बचा है। इसके साथ ही, आयोग का बजट भी 28% घटा दिया गया है, जिससे आयोग के कार्यों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
छह महीने से DCW के अध्यक्ष पद पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है, जिससे आयोग की कार्यप्रणाली में रुकावटें आ रही हैं। इसके अलावा, पिछले डेढ़ साल से दलित सदस्य सहित दो सदस्यों के पद भी खाली पड़े हैं। इन पदों पर नियुक्ति न होने के कारण आयोग के कार्यों में समन्वय और प्रभावशीलता की कमी हो रही है।
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सबसे दुखद बात यह है कि DCW की सबसे शानदार 181 हेल्पलाइन को बंद कर दिया गया है। यह हेल्पलाइन महिलाओं के लिए संकट के समय में एक महत्वपूर्ण सहायता स्रोत थी और इसके बंद होने से महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।
Delhi News: मेरी दिल्ली सरकार से अपील है कि वह महिला सुरक्षा के लिए अहम कार्य करने वाले DCW पर ताला लगाने का प्रयास बंद करे। DCW की भूमिका महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की रक्षा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत इस स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
DCW के कर्मचारियों को सैलरी न मिलने से उनकी जीविका पर संकट आ गया है। इनमें से कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना किया है और अब वे समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। सैलरी न मिलने के कारण वे आर्थिक तंगी में जीने को मजबूर हैं।
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आयोग का बजट 28% घटा दिया गया है, जिससे आयोग की कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। वित्तीय संकट के कारण आयोग के पास अब अपने दैनिक कार्यों के लिए भी पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यह स्थिति आयोग के कार्यों में रुकावट पैदा कर रही है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों पर भी असर डाल रही है।
छह महीने से अध्यक्ष पद पर कोई नियुक्ति नहीं होने के कारण आयोग की नेतृत्व क्षमता में कमी आई है। अध्यक्ष पद खाली होने से आयोग के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी रुकावटें आ रही हैं। इसके साथ ही, पिछले डेढ़ साल से दलित सदस्य सहित दो सदस्यों के पद भी खाली पड़े हैं, जिससे आयोग की कार्यप्रणाली में समन्वय और प्रभावशीलता की कमी हो रही है।
DCW की 181 हेल्पलाइन महिलाओं के लिए संकट के समय में एक महत्वपूर्ण सहायता स्रोत थी। इसके बंद होने से महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। यह हेल्पलाइन महिलाओं को तुरंत सहायता और समर्थन प्रदान करने में सक्षम थी, और इसके बंद होने से कई महिलाओं को सहायता नहीं मिल पा रही है।
Delhi News: इस स्थिति में मेरी दिल्ली सरकार से अपील है कि वह तुरंत इस स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए। DCW की भूमिका महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की रक्षा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि वह DCW के बजट को बहाल करे, कर्मचारियों को सैलरी प्रदान करे और आयोग की कार्यक्षमता को बहाल करे।
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