New Delhi: DDA की कार्यवाही के बाद, सिविल लाइन के खैबर पास में लोग बेघर

New Delhi: सिविल लाइन इलाके के खैबर पास के नजदीक दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की कार्यवाही के बाद घरों में रहने वाले लोग अब खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हो गए हैं। यह घटना तब हुई जब DDA के यमले ने कल सुबह वहां पहुंचकर डिमोलेशन की कार्यवाही की और तमाम बने मकानों को ध्वस्त कर दिया।

घटना का विवरण:

स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कई वर्षों से इस इलाके में रह रहे थे और उनके पास जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज भी मौजूद थे। लेकिन, DDA की कार्यवाही के बाद उनके मकान ध्वस्त कर दिए गए। डिमोलेशन के दौरान कुछ लोगों ने अपने घर का सामान तो निकाल लिया, लेकिन बहुत से लोगों का सामान घरों के अंदर ही रह गया।

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New Delhi: मौजूदा स्थिति:

डिमोलेशन के बाद अब लोग खाने-पीने की चिंता में हैं। कुछ लोगों के पास सिर छुपाने की जगह नहीं है, तो कुछ के पास पर्याप्त खाना तक नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और उनके पास अब कोई स्थायी आश्रय नहीं है।

कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई:

जानकारी के मुताबिक, कोर्ट के आदेश पर यहां डिमोलेशन की प्रक्रिया की गई। DDA ने यहां लगभग 180 से अधिक मकानों को ध्वस्त करने की योजना बनाई है। वर्तमान में, जिन लोगों के मकान ध्वस्त हो गए हैं, वे सभी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।

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New Delhi: स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनके पास जमीन के सभी दस्तावेज मौजूद थे, फिर भी उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया गया। वे इस कार्यवाही से बेहद आहत हैं और अब उनकी सुरक्षा और जीवनयापन की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि उन्हें तुरंत राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

New Delhi: DDA और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यवाही कानून के अनुसार की गई है।

New Delhi: निष्कर्ष:

DDA की कार्यवाही के बाद सिविल लाइन इलाके के खैबर पास के नजदीक लोगों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। घरों से बेघर हुए लोग अब खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं। प्रशासन और सरकार से उनकी अपील है कि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए और उन्हें राहत प्रदान की जाए।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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