Asha Kiran Shelter Home 20 दिनों में 13 बच्चों की मौत से मचा हड़कंप,पढ़ें

दिल्ली के रोहिणी स्थित Asha Kiran Shelter Home में पिछले 20 दिनों में 13 बच्चों की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। इस चौंकाने वाले सच के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम का गठन किया है, जिसे शेल्टर होम में हो रही मौतों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, साल 2024 में अब तक कुल 27 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें से 13 मौतें केवल जुलाई महीने के 20 दिनों में हुई हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी मौतें क्यों और कैसे हो रही हैं। फैक्ट-फाइंडिंग टीम को इन सवालों के जवाब खोजने के लिए शेल्टर होम के हर पहलू की जांच करने का निर्देश दिया गया है।

शेल्टर होम में हो रही मौतों की जानकारी

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आशा किरण शेल्टर होम में 20 जुलाई तक 27 मानसिक रूप से बीमार बच्चों और लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 13 मौतें जुलाई महीने के पहले 20 दिनों में हुई हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अज्ञात कारणों से इनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। सभी पीड़ितों की उम्र 12 से 20 साल के बीच थी। शेल्टर होम प्रबंधन मौतों की वजह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है।

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एसडीएम का बयान

शेल्टर होम में जनवरी 2024 में 3, फरवरी में 2, मार्च में 3, अप्रैल में 2, मई में 1, जून में 3 और जुलाई में 13 मौतें हुई हैं। नॉर्थ वेस्ट (रोहिणी डिविजन) के एसडीएम मनीष चंद्र वर्मा ने मीडिया को बताया कि पिछले सप्ताह यह मामला संज्ञान में आया था। विभागीय जांच चल रही है और डायरेक्टर खुद इसकी जांच कर रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से भी जांच कराई जाएगी। शेल्टर होम के अधिकारी प्रदूषित पानी को कारण बता रहे हैं, जिसे जांच के लिए दिल्ली जल बोर्ड को कहा गया है।

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पोस्टमार्टम और पुलिस जांच

मृतकों के पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की निगरानी में कराए जा रहे हैं, ताकि मौतों की सटीक वजह पता चल सके। पुलिस भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है। शेल्टर होम में पानी के सैंपल की जांच और वाटर प्यूरीफायर को बदलने का आदेश दिया गया है।

इस मामले में फैक्ट-फाइंडिंग टीम को शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, ताकि जिम्मेदारियों का निर्धारण हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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