दिल्ली: बड़ी खबर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal की न्यायिक हिरासत को 8 अगस्त तक बढ़ा दिया है। यह फैसला तब आया जब उन्हें Tihar Jail से video conferencing के जरिए पेश किया गया। न्यायालय ने केजरीवाल की हिरासत को बढ़ाने का निर्णय लेते हुए उनके जमानत बांड न भरने को आधार बनाया।
दिल्ली: Arvind Kejriwal की न्यायिक हिरासत
दिल्ली: Arvind Kejriwal, जो भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते तिहाड़ जेल में बंद हैं, ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत प्राप्त की थी। हालांकि, उन्होंने अब तक जमानत बांड नहीं भरा है, जिसके कारण उन्हें जेल में ही रहना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दी थी, लेकिन उनकी रिहाई जमानत बांड भरने पर निर्भर थी।
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AAP के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि केजरीवाल को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और उनकी गिरफ्तारी अवैध है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के इस फैसले के बाद, केजरीवाल की कानूनी टीम ने संकेत दिया है कि वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। दूसरी ओर, दिल्ली सरकार के कामकाज पर भी इस हिरासत का असर पड़ा है, क्योंकि मुख्यमंत्री जेल में हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है और विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। सभी की नजरें अब सुप्रीम कोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह देखा जाएगा कि Arvind Kejriwal को जमानत मिलेगी या नहीं।
समर्थकों का विरोध
AAP के समर्थकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक कारणों से की गई है और केजरीवाल को निशाना बनाया जा रहा है। विरोध प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है और न्याय की मांग की है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
केजरीवाल के वकील सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी टीम का कहना है कि सभी कानूनी उपायों का उपयोग किया जाएगा ताकि केजरीवाल को न्याय मिल सके।
दिल्ली सरकार पर प्रभाव
मुख्यमंत्री की हिरासत का असर दिल्ली सरकार के कामकाज पर भी पड़ रहा है। कई महत्वपूर्ण फैसलों और योजनाओं पर रुकावट आई है। इस बीच, सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और मंत्रियों ने कामकाज को संभालने का प्रयास किया है।
उपसंहार
Arvind Kejriwal की न्यायिक हिरासत और उसके बाद की कानूनी कार्रवाई ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस मामले का असर न केवल दिल्ली की राजनीति पर बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है। सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट की आगामी सुनवाई पर हैं, जिससे केजरीवाल के भविष्य का फैसला हो सकता है।