Delhi के साउथ वेस्ट जिले के दादा देव मातृ शिशु अस्पताल में “स्टॉप डारिया” अभियान चलाया जा रहा है। बारिश के मौसम में डारिया (Diarrhea) जैसी गंभीर बीमारी के बढ़ते मामलों को लेकर अस्पताल ने विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है। डारिया एक ऐसी बीमारी है, जो 1 से 5 साल तक के बच्चों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है और लापरवाही के चलते मौत का कारण बन सकती है।
डॉक्टर दिनेश गोयल ने कहा, “बारिश के मौसम में पानी की कमी और अस्वच्छता के कारण डारिया का खतरा बढ़ जाता है। माता-पिता को अपने बच्चों को नियमित रूप से पानी पिलाना चाहिए। पानी की कमी से बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है और इससे मौत का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है।
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डॉ. अजय कुमार ने कहा, “डारिया के लक्षणों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर बच्चे को दस्त लग रहे हैं, वह मां का दूध नहीं पी रहा है, और उसकी आंखें नीचे धंसी जा रही हैं, तो यह गंभीर संकेत हो सकते हैं। इस स्थिति में ORS (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) का घोल पानी के साथ देना चाहिए। साथ ही, नजदीकी अस्पताल या परिवार के डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।”
बारिश के मौसम में डारिया के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। छोटे बच्चे अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी के कारण जल्दी प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से पानी पिलाएं और डारिया के लक्षणों को पहचानने की कोशिश करें।
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अस्पताल ने जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए हैं और माता-पिता को इस जानलेवा बीमारी से बचने के उपायों पर सलाह दे रहे हैं। ज़ी मीडिया ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी से बचाव के उपाय जान सकें।
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