New Delhi: राजधानी दिल्ली में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां जनरल कैटेगरी के लोगों को एसटी, ओबीसी और एससी के फर्जी सर्टिफिकेट बना कर देने का रैकेट चल रहा था। इस मामले में एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस रैकेट के जरिए जनरल कैटेगरी के लोग अवैध तरीके से आरक्षित वर्ग के लाभ उठा रहे थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया और चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भी शामिल है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अलावा तीन अन्य लोग भी शामिल हैं, जो फर्जी सर्टिफिकेट बनाने और बेचने के काम में लिप्त थे। पुलिस के अनुसार, इस रैकेट का नेटवर्क काफी विस्तृत था और यह कई लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट उपलब्ध करवा चुका है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से कई फर्जी दस्तावेज और सर्टिफिकेट बरामद किए हैं। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि आरोपियों ने इस अवैध धंधे से लाखों रुपये कमाए हैं। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट के साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हो सकते हैं।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “यह एक गंभीर मामला है और हम इसे पूरी सख्ती से निपटेंगे। एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट जैसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति का इस रैकेट में शामिल होना बेहद चिंताजनक है। हम सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और इस अवैध गतिविधि में शामिल सभी लोगों को पकड़ेंगे।”
इस मामले ने सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा और सत्यता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि फर्जीवाड़े का यह नेटवर्क कितनी गहराई तक फैला हुआ है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।