Delhi: जेलों के बोझ को कम करने के लिए 14 कैदियों की जल्द रिहाई की सिफारिश

Delhi सरकार ने 14 कैदियों की समय से पहले रिहाई के लिए प्रस्ताव उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना को मंजूरी के लिए भेजा है। इन कैदियों की रिहाई का उद्देश्य उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाना और जेलों पर बढ़ते बोझ को कम करना है।

प्रस्ताव की पृष्ठभूमि

दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इन कैदियों ने जेल में सुधार और पश्चाताप के लक्षण दिखाए हैं। इसके चलते सजा समीक्षा बोर्ड (SRB) ने कुल 92 मामलों की समीक्षा के बाद, इन 14 कैदियों की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की है। इससे पहले भी एक बार यह सिफारिश की गई थी, लेकिन तब LG ने इसे मुख्यमंत्री के जरिए भेजने का अनुरोध किया था।

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सीएम आतिशी की मंजूरी के बाद एलजी को भेजा गया प्रस्ताव

इस बार 24 सितंबर 2024 को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के अप्रूवल के बाद, प्रस्ताव फिर से उपराज्यपाल के पास भेजा गया है। इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला LG द्वारा लिया जाएगा।

सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक

23 फरवरी 2024 को हुई सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने की थी, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), महानिदेशक (जेल), प्रमुख सचिव (कानून), चीफ जिला जज, विशेष पुलिस आयुक्त और समाज कल्याण निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में 14 दोषियों की सजा माफी और समय से पहले रिहाई की सिफारिश की गई थी।

संवैधानिक अधिकार और रिहाई की प्रक्रिया

Delhi: संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि वह किसी कैदी को क्षमा कर सकती है। राज्य का मुखिया (LG) सरकार द्वारा दी गई सलाह के अनुसार फैसला लेने के लिए बाध्य होता है। अब LG की मंजूरी मिलने के बाद इन 14 कैदियों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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