Delhi News: दिल्ली के Welcome area में स्थित कर्बला में पहली मोहर्रम से लेकर 10 मोहर्रम तक रोजाना लगभग 5 हजार लोग langar service का आनंद लेते हैं। इस आयोजन का नेतृत्व अंजुमन गुलाम-ए-पंजतन कर्बला कमेटी वेलकम द्वारा किया जाता है, जो Imam Hussain से मोहब्बत करने वालों के लिए शोहदाए कर्बला की याद में लंगर और सबील का आयोजन करती है।
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यौमे आशूरा का महत्व
Delhi News: आज 10 मोहर्रम है, जिसे यौमे आशूरा के नाम से जाना जाता है। इस दिन, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, Imam Hussain और उनके साथियों की शहादत को याद किया जाता है। वेलकम कर्बला में रोजाना मगरिब के वक्त पहले नियाज़ दिलाई जाती है और उसके बाद रात 12 बजे तक बच्चे, बूढ़े, नौजवान और खवातीन लगभग 5 हजार लोग लंगर का आनंद लेते हैं।
वेलकम कर्बला का इतिहास
बताया जाता है कि आजादी के बाद से ही दिल्ली के वेलकम में कब्रिस्तान के पास यह Delhi Karbala स्थित है। यहां दिल्ली के विभिन्न इलाकों से ताज़िए दफन करने के लिए लाए जाते हैं। वेलकम कर्बला का यह आयोजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना है, जहां सभी उम्र के लोग एकत्रित होते हैं और शोहदाए कर्बला की याद में लंगर नोश करते हैं।
सामुदायिक सौहार्द और भाईचारा
इस आयोजन में शामिल होने वाले लोग बताते हैं कि यह न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि सामुदायिक सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक भी है। अंजुमन गुलाम-ए-पंजतन कर्बला कमेटी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखा है, जिसमें खाने-पीने की व्यवस्था, साफ-सफाई और सुरक्षा शामिल है।
आयोजन की लोकप्रियता
यह आयोजन न केवल दिल्ली के वेलकम इलाके में बल्कि आसपास के इलाकों में भी लोकप्रिय है, और लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। यह दर्शाता है कि Imam Hussain की शहादत को याद करने और उनके आदर्शों को मानने वाले लोग कितनी श्रद्धा और उत्साह से इस आयोजन में शामिल होते हैं।
आयोजन की व्यवस्थाएँ
वेलकम कर्बला में आयोजित इस भव्य आयोजन में खाने-पीने की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई है, जहां रोजाना लगभग 5 हजार लोग लंगर का आनंद लेते हैं। साफ-सफाई और सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई के इस धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो सकें।