Delhi में बन रहे केदारनाथ मंदिर का नाम बदलकर श्री केदारनाथ मंदिर किया गया

Delhi: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पुजारी महंत और शंकराचार्य के विरोध के बाद दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर ट्रस्ट के लोगो ने मंदिर का नाम बदलकर श्री केदारनाथ मंदिर कर दिया है। इस नाम परिवर्तन के साथ ही मंदिर पर चल रहा विवाद भी समाप्त हो गया है। इस विवाद को लेकर उत्तराखंड में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे।

दिल्ली में मंदिर निर्माण और विवाद

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 10 तारीख को केदारनाथ दिल्ली धाम ट्रस्ट के नाम से एक भव्य मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन संपन्न हुआ था। इसके बाद से ही यह मंदिर विवादों में घिर गया। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पुजारी और शंकराचार्य सहित कई लोगों ने मंदिर के नाम पर आपत्ति जताई थी। इसे लेकर उत्तराखंड में प्रदर्शन भी हुए।

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नाम परिवर्तन और विवाद का समाधान

मंदिर के फाउंडर सुरेंद्र सिंह रौतेला ने विवाद को खत्म करने के लिए मंदिर का नाम बदलकर श्री केदारनाथ मंदिर कर दिया। नाम बदलने के साथ ही विवाद भी समाप्त होता हुआ दिखाई दे रहा है।

Delhi: प्रमुख मंदिरों के आचार्यों की प्रतिक्रिया

दिल्ली में अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम पर बने मंदिरों के आचार्यों ने इस विवाद को अनावश्यक बताया। उनका कहना है कि कण-कण में भगवान हैं और कहीं भी मंदिर बन सकता है। बालाजी मंदिर के आचार्य ने कहा कि इस विवाद का कोई औचित्य नहीं था। मंदिर बनने से सनातन धर्म का प्रचार ही होगा।

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धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

आचार्यों का कहना है कि केदारनाथ नाम से दिल्ली में एक भव्य मंदिर का निर्माण होने से केदारनाथ धाम की महिमा और महत्व रंच मात्र भी कम नहीं होगा, बल्कि सनातन धर्म का प्रचार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शारीरिक या आर्थिक कारणों से उत्तराखंड के केदारनाथ धाम नहीं जा सकते, वे दिल्ली में इस मंदिर में आस्था के साथ आएंगे और भगवान उन्हें भक्ति रूप में स्वीकार करेंगे।

Delhi: मुख्य धाम का स्थान

प्रमुख प्रधान पीठ केवल उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में ही है और उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। यह मंदिर एक विशाल और भव्य मंदिर की तरह बनेगा, जिसे लोग दर्शन करने आएंगे। इसे प्रमुख धाम की शाखा या प्रतिकृति कहा जा सकता है।

Delhi: समापन

ट्रस्टी और फाउंडर द्वारा मंदिर के नाम से धाम शब्द हटाने के बाद विवाद समाप्त हो गया है। इस नाम परिवर्तन से अब यह मंदिर श्री केदारनाथ मंदिर के नाम से जाना जाएगा और धार्मिक स्थान के रूप में इसका महत्व बना रहेगा।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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