Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को राउज ऐवन्यू कोर्ट ने 12 जुलाई तक बढ़ा दिया है। यह निर्णय दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में लिया गया। अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में पेश किया था।
Delhi शराब नीति से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच के दौरान ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया था। यह मामला तब चर्चा में आया जब कुछ अधिकारियों और राजनीतिज्ञों पर आरोप लगे कि उन्होंने नई शराब नीति के माध्यम से अवैध वित्तीय लाभ उठाए हैं।
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Delhi: कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया कि अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 12 जुलाई तक बढ़ाया जाए। ईडी ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच अभी जारी है और केजरीवाल की हिरासत की अवधि बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि जांच को सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में अपनी बात रखी और सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में निर्दोष हैं और यह सब राजनीतिक प्रतिशोध के तहत हो रहा है। उनके वकील ने भी कोर्ट से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत से रिहा किया जाए, लेकिन कोर्ट ने ईडी की दलीलों को स्वीकार करते हुए हिरासत की अवधि बढ़ा दी।
Delhi: इस मामले में विपक्ष ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर केजरीवाल पर तीखे हमले किए हैं और कहा है कि उनके खिलाफ लगे आरोप बहुत गंभीर हैं। विपक्ष ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मामले को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है। पार्टी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने और उनकी छवि को धूमिल करने के लिए यह सब किया जा रहा है। पार्टी ने अपने नेता के साथ मजबूती से खड़े रहने का संकल्प लिया है और कहा है कि सच्चाई की जीत होगी।
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इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी, जहां ईडी अपनी जांच की प्रगति के बारे में अदालत को सूचित करेगी। तब तक अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
Delhi: इस घटनाक्रम से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत को लेकर समर्थकों और विरोधियों के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में क्या नए खुलासे होते हैं और न्यायालय का अगला कदम क्या होगा।
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