Delhi University Elections: (DU) के छात्रसंघ चुनाव के दौरान मतदान के बीच इलेक्शन इंचार्ज प्रो. अनुपम झा और सयुंक्त सचिव प्रत्याशी लोकेश चौधरी के साथियों के बीच जोरदार झगड़ा हुआ है। इस झगड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विश्वविद्यालय की चुनावी प्रक्रिया में तनाव और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
चुनाव की पृष्ठभूमि
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ और साउथ कैंपस में छात्रसंघ चुनाव के लिए वोटिंग आयोजित की जा रही थी। इस चुनाव में कुल 200 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं, जिनमें से आठ उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए और पाँच उम्मीदवार उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। संयुक्त सचिव और सचिव पद के लिए चार उम्मीदवार भी अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। लगभग डेढ़ लाख छात्र मतदान करने के लिए पात्र हैं, जिनमें से 1.40 लाख छात्र चुनाव में भाग ले सकते हैं।
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झगड़े का विवरण
वोटिंग के दौरान, टीचर प्रो. अनुपम झा जो कि लॉ फैकल्टी में तैनात हैं और इलेक्शन इंचार्ज के तौर पर ड्यूटी पर थे, ने एनयूआईएस सदस्यों के साथ जमकर झगड़ा किया। लोकेश चौधरी ने अपने साथियों के साथ मिलकर प्रो. झा के हाथ खींचे और उनकी मारपीट की। आरोप है कि लोकेश चौधरी ऊना इलेक्शन बैच लेकर बूथ में गए थे, जहां मौजूद टीचर स्टाफ ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद लोकेश चौधरी ने मारपीट शुरू कर दी।
वीडियो का वायरल होना
इस झगड़े का वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लोकेश चौधरी और उनके साथियों द्वारा प्रो. झा के साथ की गई मारपीट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। वीडियो ने छात्रों और आम जनता के बीच आपसी तनाव बढ़ा दिया है, जिससे विश्वविद्यालय की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं।
पुलिस की कार्रवाई
इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने बताया कि वे आरोपी बदमाशों की तलाश में जुटी हुई हैं और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनके पहचाने का प्रयास कर रही हैं। पुलिस प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि यदि कोई नियम उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट का रुख
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस चुनावी विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश दिए हैं कि चुनाव तो कराए जाएं, लेकिन चुनाव के नतीजे तब तक घोषित नहीं किए जाएंगे जब तक कि सार्वजनिक संपत्तियों से होर्डिंग और पोस्टर को पूरी तरह से साफ नहीं किया जाता। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था को अनुमति नहीं दी जाएगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
Delhi University Elections: इस झगड़े ने सामाजिक और राजनीतिक गोले में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। कुछ लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्यों इलेक्शन इंचार्ज और प्रत्याशी के बीच इतना बड़ा झगड़ा हुआ। वहीं, राजनीतिक दलों ने इस घटना को अपनी-अपनी राजनीति में उपयोग करने की कोशिश की है। विपक्षी दलों ने यह आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय की चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अराजकता की स्थिति है, जबकि भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की रक्षा में कदम उठाने की बात कही है।