New Delhi परिवारिक व्यवसायों में उत्तराधिकार योजना की अहमियत पर Sethurathnam Ravi का महत्वपूर्ण सुझाव

New Delhi भारत, 7 अगस्त: परिवारिक व्यवसायों के लिए उत्तराधिकार योजना बनाना आज के समय में अत्यंत आवश्यक हो गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व अध्यक्ष सेठुरत्नम रवि ने इस पर जोर देते हुए कहा कि भारत में परिवारिक व्यवसायों में अक्सर सारा नियंत्रण परिवार और प्रमोटर्स के बीच सिमट कर रह जाता है, ऐसे में एक व्यवस्थित और स्पष्ट उत्तराधिकार योजना बनाना अत्यावश्यक हो जाता है।

रवि के अनुसार, सफल उत्तराधिकार योजना के लिए कई महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान देना जरूरी है। इसमें परिवार की संरचना, सभी सदस्यों की क्षमताएँ, उनकी आकांक्षाएँ, नियंत्रण हस्तांतरण की प्रक्रिया, परिवार की संपत्ति का विभाजन, व्यवसाय की प्रकृति, और परिवार के सदस्यों के बीच के आपसी रिश्ते जैसे विभिन्न मुद्दे शामिल होते हैं। अगर इन सभी कारकों को ध्यान में रखकर उत्तराधिकार की योजना बनाई जाती है, तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि व्यवसाय में कोई अवरोध नहीं आए और इसका संचालन सुचारू रूप से चलता रहे।

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सेठुरत्नम रवि ने यह भी बताया कि भारत में अक्सर परिवारिक व्यवसायों में पारिवारिक विवाद देखने को मिलते हैं, जो मुख्यतः उत्तराधिकार की स्पष्टता की कमी के कारण उत्पन्न होते हैं। इस तरह के मामलों में व्यवसाय के संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और कई बार व्यवसाय की समाप्ति तक की नौबत आ जाती है। इसलिए, व्यवसाय की निरंतरता और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए एक स्पष्ट और व्यवस्थित उत्तराधिकार योजना बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर सही योजना बनाई जाए तो उत्तराधिकार की प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से लागू किया जा सकता है, जिससे न केवल व्यवसाय की स्थिरता बनी रहती है, बल्कि उसके भविष्य की सफलता भी सुनिश्चित होती है।

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इस प्रकार, परिवारिक व्यवसायों में उत्तराधिकार योजना के महत्त्व को नजरअंदाज करना व्यवसाय के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। रवि की यह राय व्यवसाय मालिकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर सकती है।

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