Haryana Assembly Election 2024 से पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) अपने वजूद को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी से गठबंधन टूटने के कारण पार्टी की स्थिति कमजोर हो गई है। इस परिस्थिति में पार्टी ने अब राजनीतिक स्थिति को बदलने के लिए गठबंधन का सहारा लिया है। दिल्ली में जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की घोषणा की है।
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गठबंधन की रणनीति
गठबंधन के अनुसार, जेजेपी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि आजाद समाज पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद ने इस मौके पर कहा कि उनका उद्देश्य किसानों की समस्याओं को उठाना और युवाओं की आवाज़ को मजबूत करना है।
सियासी समीकरण
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जेजेपी और आजाद समाज पार्टी के बीच गठबंधन जाट और दलित वोट बैंक को साधने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बीच गठबंधन हो चुका है, जो जाट और दलित वोट बैंक पर ध्यान केंद्रित करता है।
वोट बैंक की स्थिति
हरियाणा में जाट वोट बैंक लगभग 24 फीसदी और दलित वोट बैंक करीब 21 फीसदी है। लोकसभा चुनाव के परिणामों के अनुसार, जाट वोट बैंक मुख्यतः कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहा है। पहले यह वोट बैंक इनेलो के साथ था, लेकिन इनेलो में टूट के बाद 2019 में यह जेजेपी के साथ चला गया। इस बार जाट वोट बैंक पर कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी की नजरें हैं, जिसमें कांग्रेस फिलहाल आगे दिखाई दे रही है।
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दलित वोट बैंक पर बीजेपी को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था। इसको देखते हुए बीजेपी ने हाल ही में कुरुक्षेत्र में दलित महासम्मेलन आयोजित कर इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी भी अलग-अलग बीएसपी और आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर दलित वोट बैंक को आकर्षित करने में जुटी हैं।
इस गठबंधन के साथ जेजेपी और आजाद समाज पार्टी की नजर हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनाव में एक मजबूत राजनीतिक आधार बनाने पर है।
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