Haryana: सरकार जल्द ही वन विभाग को नया PCCF (वन बल प्रमुख) नियुक्त करने की योजना बना रही है। फिलहाल विभाग सवा महीने से बिना PCCF के काम कर रहा है, जिससे पूरे विभाग में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
PCCF पद के लिए राजनीतिक लॉबिंग भी तेज है, और 1989 बैच के IFS अधिकारी विनीत गर्ग को इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। इस वक्त वे PCCF (वाइल्डलाइफ) और चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन के रूप में कार्यरत हैं।
हालांकि, विनीत गर्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ विजिलेंस और दो लोकपाल जांचें लंबित हैं, जिनमें वित्तीय अनियमितताओं और विभागीय बजट के अनुचित उपयोग के आरोप हैं। विजिलेंस जांच में यह मामला सामने आया कि पूरी बजट राशि को पहले ही क्वार्टर में खर्च कर दिया गया। इसके अलावा, लोकपाल जांच में वित्तीय गड़बड़ियों की भी जांच चल रही है।
विनीत गर्ग पर मौजूदा वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरवीर के पहले कार्यकाल के दौरान भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे। इस मामले को लेकर सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं।
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इससे पहले, पूर्व PCCF पंकज गोयल (IFS 1989) 30 सितंबर को रिटायर हो गए थे, जिन पर भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप थे और जांच चल रही थी। PCCF जगदीश चंद्र (IFS 1988) को फरवरी में नॉन-परफॉर्मेंस के कारण हटा दिया गया था।
अब, विधानसभा सत्र के बाद, राज्य सरकार नए PCCF की नियुक्ति पर अंतिम निर्णय ले सकती है। हालांकि, लंबित जांचें विनीत गर्ग की नियुक्ति में रुकावट का कारण बन सकती हैं, जिससे वन विभाग के कर्मचारियों और सरकार दोनों के लिए यह स्थिति असमंजसपूर्ण बन गई है।