Delhi के पश्चिमी जिले के जनकपुरी विधानसभा में पानी की भयंकर किल्लत मची हुई है। स्थानीय लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं और इस स्थिति ने उनके जीवन को अत्यधिक कठिन बना दिया है। यहाँ की महिलाओं ने साफ कहा है कि जो पानी इलाके में आता है, वह शिविरयुक्त और गंदा होता है, जो पीने लायक नहीं होता।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पानी जो आता भी है, वह रात में आता है और उन्हें जगकर पानी भरना पड़ता है। लेकिन उस समय भी जो पानी मिलता है, वह गंदा होता है। पानी की इस किल्लत ने लोगों को मजबूर कर दिया है कि वे पैसे देकर पानी खरीदें।
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Delhi: जनकपुरी में पानी के टैंकर 15-20 दिन में एक बार आते हैं, जिससे सभी को पानी नसीब नहीं हो पाता। इस स्थिति में लोगों के बीच पानी को लेकर झगड़े भी होते हैं। किसी को एक-दो बाल्टी पानी मिल जाती है, जबकि कई लोग बिना पानी के रह जाते हैं।
यहां के निवासियों का कहना है कि वे पानी की समस्या के लिए किससे शिकायत करें, उन्हें नहीं पता। लगभग 5-6 महीने से इस इलाके में पानी नहीं आ रहा है, और जो आता है, वह गंदा होता है, जो पीने योग्य नहीं होता। इस स्थिति ने लोगों को बहुत परेशान कर दिया है।
Delhi: स्थानीय निवासी सीमा देवी ने बताया, “हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हमें रात में जगकर गंदा पानी भरना पड़ता है और फिर उसे छानकर पीने लायक बनाने की कोशिश करनी पड़ती है। पानी के टैंकर भी समय पर नहीं आते और जब आते हैं, तो उसमें भी सभी को पानी नहीं मिल पाता।”
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एक अन्य निवासी रमेश कुमार ने कहा, “हमने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन हमें यह भी नहीं पता कि सही में किससे संपर्क करना चाहिए। हमारी समस्याओं का समाधान कब होगा, यह हमें नहीं पता।”
इस समस्या ने स्थानीय निवासियों के बीच भारी निराशा पैदा कर दी है। लोग मजबूर होकर पानी खरीदने को मजबूर हैं, जो उनके लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन गया है।
Delhi: अब देखना यह होगा कि स्थानीय प्रशासन और सरकार इस समस्या का समाधान कब और कैसे करेंगे। क्या जनकपुरी के निवासियों को साफ और पीने योग्य पानी मिल पाएगा, या वे ऐसे ही पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसते रहेंगे।
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