Delhi: 10 सितंबर को वाल्मीकि समाज और अन्य वंचित जातियां जंतर मंतर पर सत्याग्रह करेंगे, ताकि एससी और एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समर्थन मिल सके। यह कदम सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी और एसटी आरक्षण में उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर लागू करने के आदेश के समर्थन में उठाया गया है।
सत्याग्रह का उद्देश्य और समर्थन
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त 2024 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि सरकार एससी और एसटी समुदायों के भीतर वर्गीकरण कर सकती है। इस फैसले का समर्थन करते हुए, वाल्मीकि समाज और वंचित जातियां 10 सितंबर को जंतर मंतर पर एकत्रित होंगी और इस आदेश का विरोध करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी।
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समाज की अपील
वाल्मीकि समाज के उपाध्यक्ष नवीन वैध ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे समाज के दबे-कुचले लोगों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है और इसलिए हम इसे लागू करने के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं। वहीं, अशोक अज्ञानी ने बताया कि आरक्षण में वर्गीकरण की आवश्यकता है ताकि हाशिए पर रह रही जातियों को भी लाभ मिल सके।
विरोध और समर्थन
इस सत्याग्रह में अशोक अज्ञानी ने कहा कि मायावती और चंद्रशेखर जैसे नेता जो इस आदेश का विरोध कर रहे हैं, उनका विरोध किया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करने के लिए लोगों से अपील की है कि वे 10 सितंबर को जंतर मंतर पर पहुंचें और इस सत्याग्रह को सफल बनाएं।