दिल्ली के आतिशी सरकार में मंत्री रहे Kailash Gahlot ने एक दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर और दिल्ली के चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा ने उन्हें पार्टी में शामिल किया। इस अवसर पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी मौजूद थे।
Kailash Gahlot का इस्तीफा: पार्टी से अलग होने के पीछे की वजह
कैलाश गहलोत ने एक चिट्ठी में बताया कि वह दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आए थे, लेकिन अब आम आदमी पार्टी के राजनीतिक एजेंडों ने उन्हें पार्टी से अलग होने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अब उनके लिए कोई जगह नहीं बची और उनके लिए अब पार्टी से बाहर निकलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था।
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आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका
कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने से पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पार्टी के कई मंत्रियों और प्रमुख नेताओं के जेल जाने के बाद गहलोत ही एकमात्र स्वच्छ छवि वाले नेता थे। गहलोत का इस्तीफा पार्टी के लिए चुनावी दृष्टिकोण से बड़ा नुकसान है, खासकर जब वह नजफगढ़ सीट से विधायक थे।
बीजेपी में गहलोत का प्रवेश: राजनीतिक समीकरणों में बदलाव
गहलोत का बीजेपी में शामिल होना दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। विशेष रूप से दिल्ली के बाहरी इलाकों में जाटों की अच्छी खासी आबादी है और गहलोत एक जाट नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। उनकी पार्टी में एंट्री बीजेपी के लिए एक ताकतवर बढ़त हो सकती है, जबकि आम आदमी पार्टी को इस कदम से बड़ा झटका लग सकता है।