New Delhi: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी लोकसभा अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से ही होगा। सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष तय करने की मांग करने वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी मंगलवार को भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन देने पर अपनी सहमति दे दी है। इस कदम से भाजपा को एक और महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिससे लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में उसकी स्थिति मजबूत हो गई है।
भाजपा ने निर्णय लिया है कि लोकसभा उपाध्यक्ष पद सहयोगी दलों को दिया जाएगा। इस पद को किसे सौंपा जाएगा, इसका निर्णय एक-दो दिनों में कर लिया जाएगा। हालांकि, यह संभावना जताई जा रही है कि उपाध्यक्ष का पद टीडीपी को दिया जा सकता है। टीडीपी के समर्थन से भाजपा को न केवल अपने गठबंधन में स्थिरता मिलेगी, बल्कि संसदीय प्रक्रियाओं में भी सहयोग मिलेगा।
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टीडीपी के इस फैसले के बाद भाजपा के उम्मीदवार का लोकसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। यह भाजपा और टीडीपी के बीच मजबूत राजनीतिक सहयोग का संकेत है, जो आने वाले समय में दोनों दलों के बीच और भी मजबूती ला सकता है।
लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव से पहले, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच यह समझौता संसदीय कार्यों की सुगमता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इससे संसद के दोनों सदनों में प्रभावी समन्वय और संचालन सुनिश्चित होगा।
इस घोषणा के बाद, भाजपा और टीडीपी दोनों दलों के नेताओं ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है और कहा है कि इससे संसद में कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकेगी। भाजपा नेताओं ने इस समर्थन के लिए टीडीपी का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि यह सहयोग भविष्य में भी जारी रहेगा।