New Delhi: एनटीए द्वारा संचालित नीट परीक्षा में हुई धांधली के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने ग्रेस मार्क्स वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा दोबारा देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद छात्रों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
छात्रों का कहना है कि समस्या सिर्फ ग्रेस मार्क्स तक सीमित नहीं है, बल्कि उन केंद्रों पर भी पुनः परीक्षा होनी चाहिए जहां पेपर लीक की घटनाएं सामने आई थीं। उनका मानना है कि इन घटनाओं से योग्य छात्रों को अत्यधिक संघर्ष करना पड़ता है और यह उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। छात्रों ने यह भी कहा कि इस तरह की धांधली से उनका मनोबल गिरता है और वे हताश हो जाते हैं।
वहीं, नीट परीक्षा के शिक्षकों का मानना है कि इस निर्णय से रैंकिंग पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार परीक्षा का पुनः आयोजन सही दिशा में एक कदम है, लेकिन यह ध्यान देना जरूरी है कि सभी प्रभावित छात्रों को न्याय मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि 8 जुलाई को सुनवाई सूचीबद्ध है, जिसमें उम्मीद है कि सभी बच्चों को न्याय मिलेगा। इस सुनवाई में पेपर लीक के मामले में भी विचार किया जाएगा और हो सकता है कि कोर्ट सभी प्रभावित केंद्रों पर पुनः परीक्षा का आदेश दे।
एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का आश्वासन दिया है और जल्द ही परीक्षा के पुनः आयोजन की तारीख की घोषणा की जाएगी।
छात्रों और उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय नीट परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करेगा और भविष्य में इस तरह की धांधली से बचने के लिए सख्त कदम उठाएगा।
इस फैसले के बाद सभी की निगाहें अब 8 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां कोर्ट से सभी प्रभावित छात्रों को न्याय मिलने की उम्मीद है।