नई दिल्ली: एनटीए द्वारा संचालित Neet Exam में धांधली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि 1563 उम्मीदवारों के ग्रेस मार्क्स वापस लिए जाएंगे और उनकी पुनः परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस निर्णय की जानकारी दी है।
ग्रेस मार्क्स वापस लेने और पुनः परीक्षा कराने का निर्णय छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योग्य उम्मीदवारों को उनके प्रदर्शन के आधार पर न्याय मिल सके।
केंद्र सरकार के इस निर्णय पर छात्रों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कई छात्रों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, क्योंकि इससे परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी। वहीं, कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि सिर्फ ग्रेस मार्क्स वाले उम्मीदवारों की पुनः परीक्षा से समस्या का पूरा समाधान नहीं होगा। उन्होंने यह मांग की है कि उन सभी केंद्रों पर भी पुनः परीक्षा आयोजित की जाए जहां पेपर लीक की घटनाएं सामने आई थीं।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि 23 जून को होने वाली पुनः परीक्षा में सभी प्रभावित उम्मीदवारों को एक समान अवसर प्रदान किया जाएगा। इससे उन छात्रों को भी फायदा होगा जिनके ग्रेस मार्क्स के कारण उनके रैंक पर असर पड़ा था।
नीट परीक्षा के शिक्षकों का मानना है कि इस निर्णय से परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित होगी और योग्य उम्मीदवारों को उनका सही स्थान मिल सकेगा। वहीं, कोर्ट ने 8 जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख तय की है, जिसमें अन्य प्रभावित केंद्रों पर भी विचार किया जाएगा।
छात्रों और उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय नीट परीक्षा की पारदर्शिता को बनाए रखने में मदद करेगा और भविष्य में इस तरह की धांधली से बचने के लिए सख्त कदम उठाएगा।