समाजवादी पार्टी (सपा) में वैश्य समाज को जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर खुद पार्टी के कुछ पदाधिकारियों के रवैये से पानी फिरता नजर आ रहा है। Noida Vaishya Sangathan ने सपा गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी और जिला महासचिव सुधीर तोमर पर वैश्य समाज की अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया है।
आरोप और संगठन का रोष
नोएडा वैश्य संगठन के उपाध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल ने आरोप लगाया कि इन दोनों नेताओं द्वारा जिला कार्यकारिणी में वैश्य समाज को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, और इस समाज का बार-बार अपमान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुधीर भाटी और सुधीर तोमर जैसे नेता अपने बूथ तक भी लोकसभा चुनाव नहीं जितवा पाए। इस भेदभाव और अनदेखी की शिकायत नोएडा वैश्य संगठन ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से की है।
शिकायत पत्र और वैश्य समाज की नाराजगी
नोएडा वैश्य संगठन के अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने यह शिकायत एक पत्र के माध्यम से की है, जो सोशल मीडिया पर भी साझा किया गया है। समाज के लोगों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर संगठन में वैश्य समाज को उचित स्थान नहीं दिया गया, तो वे आगामी चुनावों में पार्टी का बहिष्कार करेंगे।
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शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जितेंद्र अग्रवाल, जो दो बार व्यापार सभा के प्रदेश सचिव के पद पर कार्य कर चुके हैं, उन्हें वैश्य समाज से ईर्ष्या के चलते जिले में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। पार्टी के जिला अध्यक्ष और जिला महासचिव पर व्यक्तिगत स्तर पर वैश्य समाज से परहेज करने का भी आरोप लगाया गया है।
पदाधिकारियों का पक्ष
इस बीच, सुधीर भाटी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि सभी समाजों को समान रूप से संगठन में स्थान दिया जा रहा है और वैश्य समाज की भी पूरी इज्जत की जा रही है। उन्होंने संगठन में किसी भी प्रकार के भेदभाव की बात से इनकार किया है।
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इस घटनाक्रम के बाद से सपा के अंदर वैश्य समाज के साथ हो रहे व्यवहार पर एक नई बहस शुरू हो गई है, और इस मामले में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
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