उत्तर पश्चिम भारत भीषण गर्मी की चपेट में है, जहां कठुआ में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। इस क्षेत्र में गर्म हवाओं और लू के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश भी लू की चपेट में हैं, जहां लोगों को अत्यधिक गर्मी से राहत नहीं मिल रही है।
कठुआ में तापमान के रिकॉर्ड तोड़ते हुए 48 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाने से स्थानीय लोग भारी परेशानी में हैं। गर्मी के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इस भीषण गर्मी ने दैनिक जीवन को काफी प्रभावित किया है, जहां बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
दिल्ली में भी गर्मी ने कहर बरपा रखा है। लू के कारण तापमान सामान्य से कई डिग्री ऊपर पहुंच गया है, जिससे लोगों को अत्यधिक गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी की समस्या भी बढ़ गई है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहें और अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही बाहर निकलें।
उत्तर प्रदेश में भी लू का प्रभाव देखा जा रहा है। राज्य के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग गर्मी से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैं। यूपी सरकार ने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट पर रखा है और लोगों को गर्मी से बचने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। लोगों को सलाह दी गई है कि वे धूप में बाहर निकलने से बचें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और हल्के कपड़े पहनें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि वे गर्मी के प्रकोप से सुरक्षित रह सकें।
सरकार और स्थानीय प्रशासन ने विभिन्न उपायों को अपनाने का निर्देश दिया है, जैसे कि सार्वजनिक स्थानों पर पानी के टैंकरों की व्यवस्था, अस्पतालों में ठंडे पानी की उपलब्धता, और लू से बचाव के लिए जागरूकता अभियान। इस भीषण गर्मी में जनता को सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है।