Pooja Khedkar ने UPSC के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। UPSC ने पूजा खेडकर की उमेदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया था। इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
पूजा खेडकर का कहना है कि उनकी उमेदवारी को बिना उचित कारण के रद्द किया गया है और यह उनके अधिकारों का हनन है। उन्होंने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है और UPSC के इस निर्णय को रद्द करने की मांग की है।
High Court Petition और UPSC Decision पर सवाल
याचिका में खेडकर ने यह भी दावा किया है कि उन्हें शो कॉज नोटिस भी उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना जारी किया गया। इस मामले ने प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब उच्च न्यायालय से इस मामले में न्याय की उम्मीद की जा रही है।
Transparency और Fairness पर प्रश्न
इस विवाद ने UPSC की प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। पूजा खेडकर का दावा है कि उनके साथ अन्याय हुआ है और UPSC का निर्णय अनुचित है। उनकी याचिका से यह मामला और अधिक गंभीर हो गया है, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रक्रिया पर गहन समीक्षा की आवश्यकता हो सकती है।
पूजा खेडकर ने याचिका क्यों दाखिल की है?
पूजा खेडकर ने UPSC के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है क्योंकि उनकी उमेदवारी बिना उचित कारण के रद्द कर दी गई थी।
याचिका में क्या मांग की गई है?
याचिका में खेडकर ने UPSC के निर्णय को रद्द करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।
UPSC का क्या निर्णय था?
UPSC ने पूजा खेडकर की उमेदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया था।
यह मामला प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर कैसे प्रश्न उठाता है?
यह मामला UPSC की प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रश्न उठाता है, क्योंकि खेडकर का दावा है कि उनके साथ अन्याय हुआ है।