New Delhi: डाकघर पीपीएफ नियमों में बदलाव, नाबालिगों और एनआरआई के लिए नए नियम

मनीष कुमार राणा

New Delhi: एक अक्टूबर 2024 से भारतीय डाकघर की पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) योजना में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने नए नियमों की जानकारी दी है, जिनका उद्देश्य नाबालिगों, एनआरआई और अन्य खाता धारकों के खातों का सुव्यवस्थित प्रबंधन और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, सुकन्या समृद्धि योजना और अन्य छोटी बचत योजनाओं के लिए भी नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

नाबालिगों के पीपीएफ खाते पर ब्याज

अब से नाबालिगों के नाम पर खोले गए पीपीएफ खातों पर 18 साल की उम्र तक पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट (पीओएसए) के समान ब्याज मिलेगा। नाबालिग के 18 साल का होने के बाद ही पीपीएफ पर लागू ब्याज दर के अनुसार ब्याज का भुगतान होगा। पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी की गणना नाबालिग के वयस्क होने की तारीख से की जाएगी, वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1% ब्याज मिल रहा है।

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एक से अधिक पीपीएफ खातों का प्रबंधन

एक व्यक्ति के पास एक से अधिक पीपीएफ खाते होने पर केवल प्राइमरी अकाउंट पर मौजूदा ब्याज दर से ब्याज मिलेगा। सभी सेकंडरी खातों की जमा राशि को प्राइमरी अकाउंट में जोड़ दिया जाएगा, बशर्ते कि प्राइमरी अकाउंट हर साल के लिए निर्धारित सीमा के अंदर रहे। अतिरिक्त खातों पर ब्याज नहीं मिलेगा।

एनआरआई पीपीएफ खातों पर ब्याज

एनआरआई के पीपीएफ खातों पर 30 सितंबर तक पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के बराबर ब्याज मिलेगा। इसके बाद, ऐसे खातों पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। यह नियम उन सक्रिय एनआरआई पीपीएफ खातों पर लागू होगा, जिनमें फॉर्म एच में निवास स्थिति की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

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सुकन्या समृद्धि खाता ट्रांसफर

1 अक्टूबर से लागू नए नियमों के अनुसार, सुकन्या समृद्धि खाता को कानूनी अभिभावक या नेचुरल पेरेंट्स के नाम पर ट्रांसफर करना होगा। यदि खाता किसी गैर-कानूनी अभिभावक द्वारा खोला गया है, तो उसे बंद किया जा सकता है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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