New Delhi: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को संसद में केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं चलाया जा सकता और किसी एक व्यक्ति की मनमर्जी देश के विकास के लिए हानिकारक हो सकती है। उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार की नीतियों पर सीधा हमला माना जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा, “देश व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं चलेगा। हमें सामूहिक प्रयासों और जनहित की नीतियों की जरूरत है। एक व्यक्ति की मनमर्जी देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर कर सकती है और यह हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।” उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए सभी वर्गों और समुदायों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है।
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New Delhi: सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि वर्तमान सरकार के कई फैसले जनता के हितों के खिलाफ हैं और इनसे समाज में असमानता बढ़ रही है। “देश में बेरोजगारी, गरीबी, और सामाजिक असमानता जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए हमें सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। लेकिन अगर एक व्यक्ति की मनमर्जी चलेगी, तो यह संभव नहीं होगा,” उन्होंने कहा।
New Delhi: अखिलेश यादव ने किसानों, युवाओं, और महिलाओं के मुद्दों को भी संसद में उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन वर्गों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। “किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ रही है। युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं और महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा भी गंभीर है। सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और ठोस नीतियां बनानी चाहिए,” उन्होंने जोर देकर कहा।
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New Delhi: उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती सामूहिक निर्णय लेने में है। “अगर हम व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को छोड़कर सामूहिक निर्णय लेने की दिशा में बढ़ेंगे, तो देश की प्रगति निश्चित होगी,” उन्होंने कहा।
अखिलेश यादव ने अपने भाषण में यह भी कहा कि देश की विकास यात्रा में सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास की दौड़ में कोई भी पिछड़ न जाए। सभी को समान अवसर मिलना चाहिए ताकि देश का हर नागरिक गर्व के साथ कह सके कि यह मेरा देश है,” उन्होंने कहा।
New Delhi: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने अंत में कहा कि जनता को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। “हमें एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना होगा। व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को त्यागकर हमें एक राष्ट्र के रूप में सोचना होगा। तभी हम अपने देश को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जा सकेंगे,” उन्होंने कहा।
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