राजेंद्र नगर में UPSC छात्रों की दर्दनाक “प्रशासनिक हत्या” के मुद्दे पर आज संसद में सभी छात्रों की तरफ़ से जोरदार आवाज़ उठाई गई। सांसदों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। यह मुद्दा उस समय गरमा गया जब दिल्ली के Rajendra Nagar में अवैध coaching centers के चलते UPSC छात्रों की समस्याओं और उत्पीड़न की खबरें सामने आईं।
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संसद में उठाई गई तीन मुख्य मांगें
सांसदों ने इस मामले में तीन प्रमुख मांगें रखी हैं। पहली मांग यह है कि सभी पीड़ित छात्रों के परिवारों को ₹1-1 करोड़ की सहायता राशि प्रदान की जाए। यह सहायता राशि उन परिवारों के लिए राहत का काम करेगी जिन्होंने अपने बच्चों को UPSC की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा था और अब वे इस प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो गए हैं।
दूसरी मांग है कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और चुने हुए नेताओं के खिलाफ सख्त जाँच और कार्यवाही हो। सांसदों ने कहा कि दिल्ली में घर की एक ईंट भी लगाने पर MCD वाले रिश्वत माँगने पहुँच जाते हैं, लेकिन उनकी नाक के नीचे सैकड़ों अवैध coaching centers खुले हुए हैं।
छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए मजबूत नीति की मांग
तीसरी और अंतिम मांग यह है कि दिल्ली में कोचिंग इत्यादि के लिए पढ़ने आने वाले छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत नीति बनाई जाए। इस नीति का उद्देश्य छात्रों के साथ हो रही लूट और उत्पीड़न को समाप्त करना है।
सांसदों ने यह भी कहा कि इन अवैध coaching centers की वजह से छात्रों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें अत्यधिक फीस, असुरक्षित आवास और मानसिक तनाव शामिल हैं।
सरकार से अपेक्षाएँ
संसद में उठाई गई इन मांगों से उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी और छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करेगी। छात्रों और उनके परिवारों ने भी इन मांगों का समर्थन किया है और सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
दिल्ली में coaching centers की बढ़ती संख्या और उनकी अवैध गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करते हुए, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को एक सुरक्षित और न्यायसंगत वातावरण मिले।
UPSC छात्रों की ‘Administrative Murder’ क्या है?
यह मामला अवैध coaching centers के चलते UPSC छात्रों की समस्याओं और उत्पीड़न से संबंधित है, जिसे संसद में ‘Administrative Murder’ कहा गया है।
सांसदों ने कौन-कौन सी मुख्य मांगें रखी हैं?
सांसदों ने तीन मुख्य मांगें रखी हैं: पीड़ित छात्रों के परिवारों को ₹1-1 करोड़ की सहायता राशि, लापरवाह अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ सख्त जाँच, और छात्रों के हितों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत नीति।
छात्रों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
छात्रों को अत्यधिक फीस, असुरक्षित आवास और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार से क्या उम्मीद की जा रही है?
सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह अवैध coaching centers पर कड़ी कार्रवाई करेगी और छात्रों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करेगी।
छात्रों और उनके परिवारों की प्रतिक्रिया क्या है?
छात्रों और उनके परिवारों ने इन मांगों का समर्थन किया है और सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
क्या संसद में इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाया गया है?
संसद में इस मुद्दे पर जोरदार आवाज उठाई गई है और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।