जानें कैसे बने बोहेमिया रैपर, अमेरिका की गलियों से लेकर दुनियाभर में छाई उनकी आवाज

जब भी हिंदी और पंजाबी रैप की बात होती है, तो बोहेमिया का नाम सबसे पहले लिया जाता है। देसी हिप-हॉप को अपनी खास पहचान दिलाने का श्रेय बोहेमिया को ही जाता है। उनका जन्म 1979 में पाकिस्तान के कराची में हुआ था। जब वे 13 साल के थे, तब उनका परिवार अमेरिका जाकर बस गया था। यही से बोहेमिया का हिप-हॉप म्यूजिक से जुड़ने का सफर शुरू हुआ।

बोहेमिया का रैप सफर कैसे शुरू हुआ?

बोहेमिया का सफर शुरू हुआ तब जब उन्होंने 12-13 साल की उम्र में उर्दू कविताएं लिखनी शुरू कीं। वे अपने विचारों को उर्दू-पंजाबी में डायरी में लिखते थे। अमेरिका पहुंचने के बाद उन्होंने वहां के हिप-हॉप संगीत को सुना और सोचा क्यों न अपनी कविताओं को रैप म्यूजिक के जरिए पेश किया जाए। यह एक अनोखा प्रयोग था, जो आगे चलकर सफल साबित हुआ।

‘विच परदेसन दे’ से मिली पहचान

साल 2000 की शुरुआत में ओकलैंड में उनके एक चचेरे भाई ने उन्हें हिप-हॉप प्रोड्यूसर शा वन से मिलवाया। दोनों ने मिलकर ‘द आउटफिट एंटरटेनमेंट’ नाम से अपना संगीत लेबल बनाया। बोहेमिया की पहली एल्बम ‘विच परदेसन दे’ थी, जिसमें उन्होंने अपने अमेरिकी जीवन की कहानी को रैप के जरिए पेश किया। इस एल्बम से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली।

हिट गानों से मिला दुनियाभर में प्यार

बोहेमिया ने ‘कार नचदी’, ‘पागोल’, और ‘सेम बीफ’ जैसे हिट गानों से दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई। उनके रैप और संगीत को न सिर्फ भारत और पाकिस्तान, बल्कि अमेरिका में भी बहुत प्यार मिला। बॉलीवुड में भी उन्हें पहचान मिली, जब उन्होंने अक्षय कुमार और दीपिका पादुकोण के साथ फिल्म ‘चांदनी चौक टू चाइना’ का टाइटल ट्रैक गाया। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘8 x 10 तस्वीर’ के लिए भी गाना गाया।

बॉलीवुड और हॉलीवुड में भी दिखाया जलवा

बोहेमिया ने न सिर्फ बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई, बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी छाप छोड़ी। 2011 में उन्होंने अक्षय कुमार की हॉलीवुड प्रोडक्शन फिल्म ‘ब्रेकअवे’ के लिए एक गाना गाया। इसके अलावा उन्होंने सोनू कक्कड़, रफ्तार, सलीम मर्चेंट और गुरु रंधावा के साथ भी काम किया। उनके गाने और रैप ने दुनियाभर में हिट्स बटोरीं और वह आज भी नई-नई एल्बम से अपने फैंस का दिल जीत रहे हैं।

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मैं अंकुर सिंह, एक समर्पित पत्रकार हूँ जो सभी प्रकार की खबरों को कवर करता हूँ, चाहे वह स्थानीय हों या हाइपरलोकल। मेरी रिपोर्टिंग शैली में स्पष्टता और सच्चाई की झलक मिलती है। हर समाचार को गहराई से समझना और उसे अपने दर्शकों तक पहुँचाना मेरा प्रमुख उद्देश्य है। मेरी मेहनत और निष्पक्षता मुझे पत्रकारिता के क्षेत्र में अलग पहचान दिलाती हैं।
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