Indian फिल्मों की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में है। हालांकि, कई बार इन फिल्मों की कहानियों और विषयों के कारण पड़ोसी देश पाकिस्तान में विवाद उत्पन्न होता है। हाल ही में ऋतिक रोशन की फिल्म “फाइटर” ने भी पाकिस्तान में विवाद पैदा किया है। आइए, जानते हैं उन भारतीय फिल्मों के बारे में जिनसे पाकिस्तान को दिक्कत हुई और जिन्हें वहां प्रतिबंधित किया गया।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
1. फाइटर
ऋतिक रोशन की “फाइटर” बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। सिद्धार्थ आनंद के निर्देशन में बनी यह फिल्म पहले वीकएंड में 116 करोड़ से अधिक की कमाई करने में सफल रही है। फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला है, लेकिन पाकिस्तान में इसे आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तानी कलाकार हानिया आमिर और अदनान सिद्दिकी समेत कई ने इस फिल्म की आलोचना की है।
2. राज़ी
आलिया भट्ट स्टारर फिल्म “राज़ी” 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान में तैनात एक भारतीय जासूस की कहानी है। मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी इस फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिला और यह बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से अधिक की कमाई करने में सफल रही। हालांकि, इसकी कहानी की वजह से पाकिस्तान में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
3. परमाणु
जॉन अब्राहम की “परमाणु” भी उन हिट फिल्मों में से एक है जिसे पाकिस्तान में बैन किया गया। फिल्म में भारत के परमाणु परीक्षण को पर्दे पर दिखाया गया है। ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित इस फिल्म की वजह से पाकिस्तान ने इसे अपने देश में रिलीज होने से रोक दिया।
4. नीरजा
नीरजा भनोट की बहादुरी भरी कहानी पर बनी फिल्म “नीरजा” ने दुनियाभर में दर्शकों को प्रभावित किया। यह फिल्म आतंकवादियों से यात्रियों को बचाने के लिए अपनी जान देने वाली फ्लाइट अटेंडेंट की सच्ची घटना पर आधारित है। हालांकि, पाकिस्तान में इसे बैन कर दिया गया, क्योंकि वहां के अधिकारियों का मानना था कि इससे उनके देश की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है।
5. गदर और गदर 2
सनी देओल की “गदर: एक प्रेम कथा” और उसकी सीक्वल “गदर 2” ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया। गदर 2 ने हाल ही में 500 करोड़ का कारोबार करने में सफलता हासिल की। दोनों ही फिल्में भारत-पाकिस्तान के विषय पर आधारित हैं और इनमें पाकिस्तान की नकारात्मक छवि दिखाई गई है। इस कारण से दोनों फिल्मों को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया।
भारतीय फिल्मों की कहानियां और विषय कई बार पड़ोसी देशों में विवाद का कारण बनते हैं। हालांकि, इन फिल्मों की सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए यह स्पष्ट है कि दर्शक अच्छी कहानियों और अदाकारी को सराहते हैं, चाहे वे किसी भी देश के हों। पाकिस्तान में इन फिल्मों पर प्रतिबंध लगने के बावजूद, ये फिल्में दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाने में सफल रही हैं।
भारतीय फिल्म उद्योग अपनी विविधता और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है, और भविष्य में भी ऐसी कई फिल्में बनती रहेंगी जो सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर चर्चा को प्रोत्साहित करेंगी।