Bihar में एक और पुल भरभराकर नदी में गिर गया है। इस बार अररिया जिले में निर्माणाधीन पुल (Under Construction Bridge) ध्वस्त हुआ है। बकरा नदी (Bakra River) पर करोड़ों की लागत से बन रहा पुल मंगलवार को नदी में ही समाहित हो गया। यह पुल पहली बार 20 करोड़ में बना था और दूसरी बार 7.79 करोड़ की लागत (Cost) से इसका काम फिर से शुरू हुआ था। कुर्साकांटा व सिकटी (Kursakanta and Sikti) के बीच डोमरा बांध सड़क पर इस पुल का निर्माण जून 2021 में शुरू हुआ था। 18 जून 2024 को निर्माणाधीन 9 स्पैन के पुल का तीन पाया (Pillars) नदी में समा गया, जिसके बाद पुल निर्माण में हो रही लापरवाही (Negligence) फिर से उजागर हुई है।
रात के अंधेरे में होता था काम
स्थानीय लोगों (Local Residents) का कहना है कि पुल का निर्माण रात के अंधेरे (Night Construction) में होता था। इससे निर्माण की गुणवत्ता (Quality) पर सवाल उठते हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि रात में काम करने से गुणवत्ता की जांच सही तरीके से नहीं हो पाती थी, जिससे पुल कमजोर (Weak Bridge) बन गया।
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स्थानीय निवासियों ने कई बार पुल निर्माण में हो रही लापरवाही की शिकायतें (Complaints) की, लेकिन अधिकारियों (Officials) ने उन्हें अनसुना (Ignored) कर दिया। लोगों का आरोप है कि अधिकारियों ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया और न ही निर्माण की गुणवत्ता की जांच (Quality Check) की।
लापरवाही के आरोप
पुल के ध्वस्त होने के बाद अब लापरवाही के आरोप और भी गंभीर हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण में घटिया सामग्री (Substandard Materials) का इस्तेमाल किया गया था और निर्माण प्रक्रिया में भी मानकों का पालन (Standards) नहीं किया गया।
इस हादसे के बाद कई महत्वपूर्ण सवाल (Important Questions) उठते हैं:
- पुल निर्माण की प्रक्रिया में क्यों हो रही है लापरवाही?
- रात में निर्माण कार्य करने की क्या वजह थी?
- अधिकारियों ने शिकायतों को अनसुना क्यों किया?
- पुल निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच कैसे हुई?
अधिकारियों की जिम्मेदारी
यह हादसा अधिकारियों की जिम्मेदारी (Responsibility) पर भी सवाल खड़े करता है। अगर शिकायतों को गंभीरता से लिया गया होता और निर्माण की गुणवत्ता की जांच सही तरीके से की गई होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।
इस हादसे के बाद समाज में आक्रोश (Outrage) व्याप्त है। लोग अब सरकार से सवाल पूछ रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की मांग कर रहे हैं।
इस प्रकार के हादसे यह दर्शाते हैं कि बुनियादी ढांचे (Infrastructure) के निर्माण में लापरवाही कितनी घातक हो सकती है। यह जरूरी है कि निर्माण की प्रक्रिया में पारदर्शिता (Transparency) हो और गुणवत्ता की जांच सही तरीके से की जाए।