Aurangabad के निवर्तमान सांसद (Outgoing MP) सुशील कुमार सिंह (Sushil Kumar Singh) आज नबीनगर (Nabinagar) पहुंचे, जहां उन्होंने हाल ही में हुई घटना के पीड़िता श्रेया (Shreya) के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढाढस बंधाया।
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घटना पर चिंता और पुलिस प्रशासन से मांग
श्रेया के परिजनों से मुलाकात के बाद, सुशील कुमार सिंह ने घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पुलिस प्रशासन (Police Administration) से इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा (Investigation) करने और अपराधियों को सख्त से सख्त सजा (Severe Punishment) दिलाने की मांग की।
पुलिस पर संगीन आरोप
सुशील कुमार सिंह ने औरंगाबाद पुलिस (Aurangabad Police) पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस जाति विशेष (Caste-Based) देखकर कार्रवाई की कैटिगरी (Category) तय करती है। उन्होंने कहा कि पुलिस जाति विशेष के आधार पर गाली-गलौज जैसे छोटे मामलों को भी तूल देकर मुकदमे दर्ज करती है और कार्रवाई में जल्दीबाजी (Haste) करती है। वहीं दूसरी ओर, हत्या (Murder) जैसे गंभीर मामलों में जाति विशेष देखकर सुस्ती (Lethargy) दिखाती है और अनुसंधान (Investigation) में पूरे मामले को हल्का बना देती है।
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Aurangabad: पुलिस को दोहरे मापदंड से बचने की सलाह
सांसद सुशील कुमार सिंह ने पुलिस को अपनी कार्यशैली (Working Style) में दोहरे मापदंड (Double Standards) न अपनाने की सलाह दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस को निष्पक्षता (Impartiality) और न्याय (Justice) की दृष्टि से सभी मामलों में समान रूप से कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और अपराधियों को उनके किए की सजा मिल सके।
Aurangabad: निष्कर्ष
सांसद सुशील कुमार सिंह के इस दौरे ने न केवल पीड़िता के परिजनों को सांत्वना (Consolation) दी है, बल्कि पुलिस प्रशासन पर भी निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई (Prompt Action) करने का दबाव बनाया है। यह घटना स्थानीय पुलिस प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि उन्हें निष्पक्षता से काम करना चाहिए और जाति, धर्म या किसी अन्य भेदभाव के बिना अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए।
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