पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीपीआई एमएल महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर कड़ा हमला बोला। भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और दो सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि, बिहार और उत्तर प्रदेश में चुनाव परिणाम उनकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए और देश की दिशा बदलने के लिए था, लेकिन जनादेश में कुछ कमी रही, जिसके कारण भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
दीपांकर भट्टाचार्य ने गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अडानी के चैनल पर जाकर लोगों को शेयर खरीदने के लिए प्रेरित किया, जिससे शेयर बाजार में गड़बड़ी हुई और छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार की स्थिति के कारण देश के करोड़ों छोटे निवेशकों को नुकसान हुआ, जबकि विदेशी कंपनियों को फायदा हुआ। भट्टाचार्य ने इसे एक बड़ा घोटाला करार दिया और सरकार को जवाबदेह ठहराने की मांग की।
उन्होंने NEET के परिणामों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समय से पहले रिजल्ट आने और उसमें हुई गड़बड़ियों ने छात्रों में भारी सवाल खड़े कर दिए हैं। कई छात्रों ने एक ही सेंटर से टॉप किया, जो संदेहास्पद है। भट्टाचार्य ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से इसका जवाब देने की मांग की और इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया।
काराकाट के सांसद राजाराम सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास अभी भी समय है कि वे महागठबंधन का साथ दें। उन्होंने नीतीश कुमार से अपील की कि वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और जाति आधारित गणना जैसी मांगों पर जोर दें। राजाराम सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान जान माल का नुकसान हुआ है और इतने लंबे चुनाव की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि देश के नौजवानों को रोजगार मिले, यही जनादेश का उद्देश्य है और जो भी सरकार बने, उसे इस पर अमल करना चाहिए।
राजाराम सिंह ने नीतीश कुमार को याद दिलाया कि उन्होंने करप्शन, कम्युनलिज्म और क्रिमिनल के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात की थी और अब समय आ गया है कि वे महागठबंधन का साथ देकर जनादेश का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है और इस बार जनता ने उनके खिलाफ वोट दिया है।