जमुई:टीन के छत के नीचे संचालित हो रहा है सरकारी स्कूल Education Department के दावे खोखले: बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार भारी भरकम धनराशि खर्च कर रही है, लेकिन जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के नवीन प्राथमिक विद्यालय अकौनी मुसहरी की स्थिति कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इस विद्यालय में बच्चों के लिए पढ़ाई की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जो शिक्षा विभाग के सुधार दावों पर सवाल खड़ा करता है।
Jamui:टीन के छत के नीचे संचालित हो रहा है सरकारी स्कूल
बिना छत के स्कूल, बेंच-डेस्क फांक रहे हैं धूल
नवीन प्राथमिक विद्यालय अकौनी मुसहरी, जो 2010 में स्थापित हुआ था, आज भी टीन के छत के नीचे संचालित हो रहा है। इस स्कूल में कुल 107 बच्चे नामांकित हैं। हालांकि, इस स्कूल को अभी तक अपना भवन नहीं मिला है। यहां बच्चों के बैठने के लिए बेंच-डेस्क तो उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन वे कूड़े के नीचे फेंके पड़े हैं, जैसे भैंस के तबेले में।
बच्चों और गांववालों का भरोसा टूट गया
विद्यालय के बच्चे और गांव के लोग बिहार सरकार और जनप्रतिनिधियों से निराश हो चुके हैं। स्कूल में न पीने का पानी है, न खाने का खाना और न ही स्कूल तक पहुंचने का उचित रास्ता। विद्यालय के शिक्षक और बच्चे शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल रहे हैं।
शिक्षा विभाग के दावे और हकीकत में अंतर
जी मीडिया की रिपोर्ट में शिक्षा विभाग के सारे दावों की पोल खुली है। इस स्कूल की दुर्दशा यह दर्शाती है कि केंद्र और राज्य सरकार की विकास की योजनाओं और उनकी हकीकत में कितना बड़ा अंतर है।
जनप्रतिनिधि और शिक्षा विभाग की अनदेखी
14 साल से अधिक समय बीत चुका है और यह स्कूल आज भी अपने हाल पर रो रहा है। इलाके के जनप्रतिनिधि और शिक्षा विभाग इस समस्या की अनदेखी कर रहे हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकारी विकास योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर नहीं पहुंच रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि शिक्षा विभाग और जनप्रतिनिधि तुरंत कार्रवाई करें और बच्चों के लिए उचित सुविधाएं सुनिश्चित करें। इससे बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल हो सकेगा।