किशनगंज. किशनगंज लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने 53,824 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, जदयू के मास्टर मुजाहिद आलम को हराया। जावेद को कुल 391,722 वोट मिले, जबकि आलम को 337,898 वोट प्राप्त हुए।
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र, जहाँ मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 70% है, एक अनूठा चुनावी क्षेत्र है। यहाँ, 30% हिंदू और अन्य समुदायों के मतदाता भी हैं। यह उल्लेखनीय है कि सिर्फ मुस्लिम बहुल होने के बावजूद, यह क्षेत्र हमेशा मुस्लिम सांसदों का ही गढ़ नहीं रहा है। वर्ष 1967 में, जब भारत तीसरी लोकसभा के लिए चुनाव कर रहा था, लखनलाल कपूर, जो हिंदू थे, इस सीट से संसद के लिए चुने गए थे। यह दर्शाता है कि किशनगंज के मतदाता धर्मनिरपेक्ष हैं और वे योग्यता और विचारधारा के आधार पर अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं।
जानकार बताते हैं कि लखन लाल कपूर ने जेपी आंदोलन सत्याग्रह में भाग लिया था, जो कि बिहार के मुंगेर जिले के निवासी थे। वे किशनगंज से संसद चुनाव लड़े और वह भी विजयी रहे। उन्होंने उस समय कांग्रेस के सांसद मोहम्मद ताहिर को हराया था। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि उसके बाद किसी हिन्दू नेता को जीत का अवसर नहीं मिला।
किशनगंज लोकसभा में छह विधानसभा क्षेत्र हैं और लगभग 19,67,724 लोगों की आबादी है। यहां का जिला राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसका परिणाम है कि कई राष्ट्रीय नेताओं ने अपने प्रमुख करियर की शुरुआत इसी जगह से की है। इनमें बाबरी मस्जिद एक्शन कमीटी के सैय्यद शहाबुद्दीन, एमजे अकबर और सैय्यद शाहनवाज हुसैन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कई अन्य राजनेताओं ने यहां से विजय प्राप्त की है।