मुंगेर: सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद कुमार सिन्हा ने शनिवार को फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल सभागार में आयोजित जिला स्तरीय प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक और आशा फैसिलिटेटर की समीक्षा बैठक सह कार्यशाला को संबोधित करते हुए गर्भवती महिलाओं के एंटी नेटल चेकअप (एएनसी) की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का चार बार एएनसी चेकअप कराना आवश्यक है और यह चेकअप स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख में ही होना चाहिए।
डॉक्टर सिन्हा ने कहा कि एएनसी चेकअप के माध्यम से गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) की पहचान की जा सकती है। एएनसी चेकअप के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य की विस्तृत जांच की जाती है जिससे गर्भावस्था के दौरान संभावित जोखिमों का समय रहते पता चल सके। एचआरपी की पहचान होने पर विशेष सावधानी बरती जाती है और गर्भवती महिला का संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जाता है, ताकि मां और शिशु दोनों की सुरक्षा बनी रहे।
बैठक में उपस्थित प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक और आशा फैसिलिटेटर्स को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि एएनसी चेकअप की जागरूकता फैलाना और गर्भवती महिलाओं को इसके लिए प्रेरित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि चार बार एएनसी चेकअप करवाने वाली महिलाओं की कुल संख्या में से करीब 10% गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) की संभावना रहती है। इस स्थिति में स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष सावधानी बरतते हुए प्रसव कराया जाता है।
डॉक्टर सिन्हा ने जोर देते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को सही समय पर एएनसी चेकअप कराने से उन्हें और उनके बच्चों को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। इस मौके पर उन्होंने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं की पहचान करें और उन्हें नियमित एएनसी चेकअप के लिए प्रेरित करें।
कार्यशाला में स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने अनुभव साझा किए और गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर चर्चा की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल में सुधार लाना और उन्हें सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना था।