Muzaffarpur जिले के कुढ़नी और मुशहरी प्रखंड के सुस्ता पंचायत में गीदड़ों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। गीदड़ों के हमलों से अब तक दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं, जिससे इलाके के लोगों में दहशत फैल गई है। गांव के लोग घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं, और जो बाहर निकलते हैं, वे हाथों में डंडे लेकर चलते हैं।
पिछले पांच दिनों में, गीदड़ों ने गांव के कई लोगों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया। वन विभाग की टीम के अनुसार, अब तक एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग ने गीदड़ों को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया है।
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वन विभाग का रेस्क्यू अभियान
गीदड़ों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने इलाके के जंगलों और झाड़ियों में कई जगहों पर पिंजरे लगाए हैं। टीम दिन-रात अभियान में जुटी हुई है, लेकिन अब तक गीदड़ों को पकड़ने में उन्हें सफलता नहीं मिली है। टीम इंचार्ज, पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि जहां-जहां गीदड़ों के पदचिह्न या छुपने के स्थान मिले हैं, वहां पिंजरे लगाए गए हैं और खोजबीन जारी है।
माइक्रोफोन से अलर्ट जारी
वन विभाग की टीम गांव में माइकिंग कर लोगों से शाम के बाद घरों से बाहर न निकलने की सलाह दे रही है। खासतौर पर जंगल और झाड़ियों के पास जाने से मना किया जा रहा है। गांव के लोग भी इस चेतावनी का पालन कर रहे हैं और अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं।
दहशत का माहौल
गीदड़ों के लगातार हमलों से इलाके में डर का माहौल है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी बाहर जाने से कतराने लगे हैं। गांव के लोग हथियारों से लैस होकर अपने घरों की सुरक्षा कर रहे हैं ।