Bihar: कटिहार जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कटिहार के बरारी प्रखंड के कावर कोठी मैदान में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान बिहार की शिक्षा व्यवस्था और भूमि सुधार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने इस दौरान बिहार की मौजूदा सरकार की नीतियों और नई शिक्षा नीति पर भी सवाल उठाए।
बिहार में नौकरी और शिक्षा की स्थिति
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में नेता 10 लाख नौकरियां देने का वादा करते हैं, जबकि बिहार में सिर्फ 1.97% लोग ही सरकारी नौकरी करते हैं। बिहार की 13 करोड़ की आबादी में से केवल 23 लाख लोग सरकारी नौकरी में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि बिहार में नौकरी की स्थिति बेहद चिंताजनक है।
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भूमि सुधार पर कटाक्ष
किशोर ने भूमि सुधार के अभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 75 सालों में बिहार में भूमि सुधार के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूरे देश में जहां 100 में से 38 लोगों के पास जमीन नहीं है, वहीं बिहार में यह संख्या 100 में 7 लोगों की है, जिनके पास खेती के लिए जमीन ही नहीं है। ऐसे में राज्य के लोग खेती नहीं कर सकते और कमाई के लिए पलायन करना पड़ता है।
नई शिक्षा नीति की आवश्यकता
प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी शिक्षा प्रणाली में सुधार की सख्त जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब तक सरकारी शिक्षा बेहतर नहीं होती, तब तक गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए, और इसका खर्च सरकार को उठाना चाहिए।
बजट का सवाल
किशोर ने कहा कि बिहार में हर साल बच्चों की शिक्षा पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन 50 बच्चे भी ठीक से नहीं पढ़ पा रहे हैं। उन्होंने इस बजट का एक तिहाई, यानी लगभग 15 हजार करोड़ रुपए, नई शिक्षा व्यवस्था में निवेश करने का सुझाव दिया, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।