पटना: बिहार में हाल ही में सम्पन्न हुए चुनावों में हारने के सात दिन बाद ही रोहिणी आचार्य सिंगापुर के लिए रवाना हो गईं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने चुनावी पराजय के बाद सिंगापुर जाने का निर्णय लिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गरम हो गया है। रोहिणी ने बताया कि उनके सिंगापुर जाने का कारण पारिवारिक और स्वास्थ्य से जुड़ा है।
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि वह सिंगापुर अपने परिवार से मिलने और अपने स्वास्थ्य की जांच कराने जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह कदम राजनीति से हटकर है और पूरी तरह से निजी कारणों पर आधारित है। रोहिणी ने लिखा, “मेरा सिंगापुर जाने का निर्णय राजनीति से प्रेरित नहीं है। मुझे अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना है और कुछ स्वास्थ्य संबंधित जांच करवानी है।”
चुनाव हारने के बाद रोहिणी का यह निर्णय राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इसे उनकी राजनीति से दूरी बनाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे एक आवश्यक ब्रेक के रूप में मान रहे हैं।
रोहिणी आचार्य ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनावों में हिस्सा लिया था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।
इस बीच, राजद के कई नेताओं ने रोहिणी के निर्णय का समर्थन किया है और उनकी स्वास्थ्य की बेहतरी की कामना की है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि रोहिणी का स्वास्थ्य पहले से अधिक महत्वपूर्ण है और उनके सिंगापुर जाने के निर्णय को समझा जाना चाहिए।
रोहिणी आचार्य के इस निर्णय ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे कब और कैसे राजनीति में वापसी करती हैं।