Anna Sebastian Death News: अन्ना सेबेस्टियन पेरायल, 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट, जो कोच्चि से काम कर रही थीं, उनकी पुणे में मृत्यु के बाद उनके पिता ने कंपनी Ernst & Young (EY) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अन्ना के पिता सेबेस्टियन पेरायल ने TNM से बात करते हुए कहा कि EY द्वारा नए कर्मचारियों के लिए कोई समर्थन नहीं दिया जाता, जबकि कंपनी दावा करती है कि वे मदद करते हैं। यह बयान EY के चार प्रतिनिधियों द्वारा परिवार से मिलने के बाद आया है, जिनमें दो पार्टनर, एक HR मैनेजर और एक सीनियर मैनेजर शामिल थे।
अन्ना की माँ अनीता ऑगस्टीन द्वारा EY के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखे गए एक पत्र ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा। इस पत्र में आरोप लगाया गया कि अन्ना की मृत्यु अत्यधिक कार्यभार और तनाव के कारण हुई। सेबेस्टियन ने बताया कि अन्ना को जून में नींद और खाने की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी थीं।
अन्ना के पिता ने यह भी बताया कि उनकी बेटी को अतिरिक्त काम सौंपा जाता था, जिसमें देर रात तक काम करना शामिल था। उन्होंने कहा कि अन्ना को नींद और भोजन की कमी के कारण कई बार अस्पताल ले जाना पड़ा, लेकिन काम का दबाव जारी रहा।
अन्ना की आकांक्षाएं कंपनी में काम करने के बाद NGO में काम करने की थीं। वे छात्रों को ट्यूशन देती थीं और समाज सेवा करना चाहती थीं। अन्ना के पिता ने कहा कि कंपनी द्वारा उनके लिए उचित समर्थन नहीं दिया गया, जिससे उनकी बेटी का जीवन समाप्त हो गया।
Anna Sebastian Death News: अत्यधिक कार्यभार और तनाव से अन्ना की मौत: पिता का आरोप
Anna Sebastian Death News: अन्ना सेबेस्टियन पेरायल, 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट, की पुणे में मृत्यु के बाद उनके पिता सेबेस्टियन पेरायल ने Ernst & Young (EY) पर अत्यधिक कार्यभार और तनाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अन्ना को काम का इतना दबाव था कि उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ा, जिससे अंततः उसकी जान चली गई। अन्ना की माँ द्वारा EY के चेयरमैन को लिखे गए पत्र में भी यह दावा किया गया कि अन्ना की मृत्यु कंपनी द्वारा दिए गए काम के दबाव के कारण हुई। परिवार का कहना है कि कंपनी ने नए कर्मचारियों को पर्याप्त समर्थन नहीं दिया।
EY प्रतिनिधियों की मुलाकात के बाद परिवार ने उठाए नए सवाल
Ernst & Young (EY) के चार प्रतिनिधियों, जिनमें दो पार्टनर, एक HR मैनेजर और एक सीनियर मैनेजर शामिल थे, ने अन्ना सेबेस्टियन के परिवार से मुलाकात की। यह मुलाकात अन्ना की मौत के दो महीने बाद हुई, जब उनकी माँ द्वारा कंपनी के चेयरमैन को लिखे गए पत्र ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। अन्ना के पिता, सेबेस्टियन पेरायल ने बताया कि प्रतिनिधियों ने मामले की जांच करने का वादा किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वे क्या कदम उठाएंगे। इस मुलाकात के बाद परिवार ने कंपनी की पारदर्शिता और कर्मचारियों के लिए समर्थन की कमी पर सवाल उठाए हैं।
समाज सेवा की थी अन्ना की इच्छा, NGO के साथ काम करने का सपना टूटा
अन्ना सेबेस्टियन पेरायल, जो एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं, सपना था कि कुछ समय तक कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करने के बाद वह समाज सेवा में योगदान दें और किसी NGO के साथ काम करें। अपने छात्र जीवन के दौरान भी अन्ना अनाथालय के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती थीं और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती थीं। उनके पिता ने बताया कि अन्ना का उद्देश्य समाज के लिए कुछ सार्थक करना था, लेकिन अत्यधिक कार्यभार और तनाव के कारण उनकी अकाल मृत्यु ने उनके इस सपने को अधूरा छोड़ दिया।