Bahraich जिले से बड़ी खबर सामने आई है, जहां हिंसा के दो आरोपियों, सरफराज और तालिब, का पुलिस के साथ मुठभेड़ में एनकाउंटर हो गया। दोनों आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उन्हें सीमा पार करने से पहले ही रोक लिया। यह घटना बहराइच में हुई हालिया हिंसा के बाद से काफी चर्चा में है, और एनकाउंटर ने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है।
एनकाउंटर की पूरी घटना
पुलिस के अनुसार, सरफराज और तालिब हिंसा के मुख्य आरोपी थे, जिन्होंने बहराइच में अशांति और झड़पों में भाग लिया था। हिंसा के बाद से पुलिस उनकी तलाश कर रही थी, और उनकी गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही थी। पुलिस को खबर मिली कि दोनों आरोपी नेपाल भागने की योजना बना रहे हैं, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी तलाश तेज कर दी।
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पुलिस ने Sarfaraz और तालिब को सीमा के पास रोका, जहां उन्होंने भागने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी, लेकिन आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई। इस मुठभेड़ में दोनों आरोपी मारे गए। पुलिस का कहना है कि उनके पास से हथियार और अन्य संदिग्ध सामान बरामद किए गए हैं, जो हिंसा के दौरान उपयोग किए गए हो सकते हैं।
Bahraich हिंसा और इसका प्रभाव
Bahraich हिंसा ने इलाके में बड़ी अशांति पैदा की थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे और संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस हिंसा के पीछे धार्मिक और सामाजिक तनाव प्रमुख कारण थे, और पुलिस के अनुसार, सरफराज और तालिब ने इस हिंसा को भड़काने में मुख्य भूमिका निभाई थी। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि और कोई हिंसा ना हो।
नेपाल भागने की योजना
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि Sarfaraz और Talib नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे ताकि कानून से बच सकें। नेपाल की सीमा उत्तर प्रदेश के कई जिलों के पास है, और अपराधियों के लिए यह एक सामान्य तरीका है कानून से बचने का। लेकिन इस बार पुलिस की सतर्कता ने उनकी योजना को असफल कर दिया।