Canada का भारत पर बड़ा आरोप, कहा- संसद में अपने लोग भेज रहा है भारत

भारत और Canada के बीच एक बार फिर तनाव गहराता नजर आ रहा है। कनाडा की सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत और चीन पर कनाडा के प्रवासी समुदायों को अवैध फंडिंग और दुष्प्रचार अभियानों के जरिए प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने कनाडा की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप किया है, और फंडिंग व अन्य सहायता प्रदान कर अपनी पसंद के नेताओं को कनाडा की संसद में पहुंचाने की कोशिश की है।

खालिस्तान आंदोलन को कमजोर करने के प्रयास– Canada

इस रिपोर्ट में खासतौर पर यह उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार कनाडा में खालिस्तान आंदोलन के प्रति समर्थन को कमजोर करने की कोशिशों में भी संलग्न है। कनाडा के अखबार द ग्लोबल एंड मेल के मुताबिक, सीएसआईएस की इस रिपोर्ट का नाम “कंट्री समरीज” रखा गया है। इसमें कई अहम जानकारियां दी गई हैं जो सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों तथा संघीय विभागों द्वारा प्राप्त की गई हैं।

नामांकन प्रक्रिया से शुरू होता है हस्तक्षेप

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार का हस्तक्षेप कनाडा की नामांकन प्रक्रिया से शुरू होता है। इसमें सरकार अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को सहायता प्रदान करती है, ताकि वे चुनाव जीत सकें और संसद तक पहुंच सकें। यह आरोप कनाडा की मीडिया रिपोर्टों के जरिए सामने आए हैं, जो सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की जानकारी पर आधारित हैं।

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भारत-कनाडा के रिश्तों में पहले भी आई थी दरार

भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव कोई नई बात नहीं है। सितंबर 2023 में, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की खुफिया एजेंसी के शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कनाडाई संसद में यह बयान देते हुए कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां ​​भारत सरकार के एजेंटों और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध की जांच कर रही हैं। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में खटास आ गई थी।

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नया आरोप, पुराना विवाद

कनाडा और भारत के बीच इस नई रिपोर्ट ने दोनों देशों के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और भी जटिल बना दिया है। भारत ने कनाडा के आरोपों को बार-बार नकारा है, लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देश किस दिशा में अपने कूटनीतिक संबंधों को ले जाते हैं।

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