CBI Arrests: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) और उनके दो बिचौलियों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इस डिप्टी एसपी ने एक व्यक्ति से 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी ताकि वह उसे आतंक के आरोप से बचा सके।
मामला कैसे शुरू हुआ
सीबीआई को यह शिकायत रमैया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव ने दी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि डिप्टी एसपी अजय प्रताप सिंह ने उनके परिवार को अवैध रूप से बिना लाइसेंस के हथियार रखने के मामले में झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत मांगी। अजय प्रताप सिंह मामले के जांच अधिकारी थे और उन्होंने रॉकी को धमकाया कि उसे “बचाने” के लिए रिश्वत की जरूरत है।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
25 लाख रुपये की पहली किस्त
CBI Arrests: रॉकी यादव ने आरोप लगाया कि अजय ने उससे 2.5 करोड़ रुपये की मांग की, जिसमें से 25 लाख रुपये की पहली किस्त 26 सितंबर को चुकाने के लिए कहा गया। इस राशि को रॉकी ने अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से औरंगाबाद में भेजा।
दूसरी किस्त में मांगे 70 लाख रुपये
सीबीआई ने खुलासा किया कि 1 अक्टूबर को अजय ने रॉकी से फिर से संपर्क किया और 70 लाख रुपये की मांग की। उसे आधी राशि पटना में उसी दिन देने के लिए कहा गया। इसके बाद, रॉकी ने रिश्वत की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया।
सीबीआई की कार्रवाई
CBI Arrests: सीबीआई ने एनआईए के वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी और सही इनपुट मिलने पर एक योजना बनाई। एनआईए ने भी बयान में पुष्टि की कि सीबीआई ने डिप्टी एसपी अजय प्रताप सिंह और उनके दो एजेंटों को गिरफ्तार किया और रिश्वत के 20 लाख रुपये भी जब्त किए।
इस गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और किसी भी स्तर पर रिश्वतखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।