Chandra Grahan 2024: साल 2024 का दूसरा चंद्रग्रहण और पितृपक्ष दोनों 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। चंद्रग्रहण सुबह 06:11 बजे शुरू होकर 10:17 बजे समाप्त होगा। इस दौरान पितृपक्ष के पहले दिन का श्राद्ध कर्म करने को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिष के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान श्राद्धकर्म करना शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए ग्रहण समाप्त होने के बाद ही श्राद्धकर्म करना चाहिए।
चंद्रग्रहण के बाद करें श्राद्धकर्म
पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है, लेकिन चंद्रग्रहण के दौरान इसे करने से बचना चाहिए। ग्रहण के बाद, 10:17 बजे के बाद, श्राद्धकर्म शुरू किया जा सकता है।
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पितृपक्ष और चंद्रग्रहण का महत्व
हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को अशुभ माना जाता है और इसका सीधा असर राशियों पर भी पड़ता है। हालांकि, इस साल का चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका ज्योतिषीय प्रभाव मेष, सिंह, मकर, और मीन राशियों पर हानिकारक रहेगा। दूसरी ओर, शुक्र और तुला राशि वालों को इस ग्रहण से लाभ होगा।
श्राद्धकर्म के लिए सही समय
जिन लोगों को पितरों के श्राद्धकर्म का पालन करना है, वे चंद्रग्रहण के बाद पिंडदान और तर्पण कर सकते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान देना भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
किन राशियों पर पड़ेगा चंद्रग्रहण का असर
Chandra Grahan 2024: चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव मेष, सिंह, मकर, और मीन राशियों पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा। इन राशियों को आर्थिक नुकसान और नौकरी में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, शुक्र और तुला राशियों के लिए यह ग्रहण लाभकारी साबित हो सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।