दुनियाभर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए कई देशों ने डीजल कारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से, कुछ देशों ने डीजल कारों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें नॉर्वे, जर्मनी, फ्रांस, और नीदरलैंड जैसे प्रमुख यूरोपीय देश शामिल हैं। इन देशों ने 2030 तक डीजल और पेट्रोल वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगाने का लक्ष्य रखा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे हरित ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
जानिए किन-किन देशों ने लगाया प्रतिबंध
भारत भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार ने 2030 तक देश में सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही, कुछ राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नीति बनाने पर विचार कर रही हैं। दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्य, जहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं।
भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और सरकार विभिन्न प्रोत्साहनों और योजनाओं के माध्यम से इस परिवर्तन को तेजी से बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। हालांकि, डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध कब लगेगा, इस पर अभी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।