वरिष्ठ नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव Sitaram Yechury का गुरुवार को 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था। सीताराम येचुरी को 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। गुरुवार को अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ गई, जिसके बाद उनका निधन हो गया।
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से शुरू की, जहां आपातकाल के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
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इसके बाद वह तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केंद्रीय समिति में शामिल किया गया और 2015 में वे पार्टी के महासचिव बने।
येचुरी 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए और वहां कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। उन्हें 2016 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी मिला। हाल ही में उनकी मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी और फेफड़ों में संक्रमण के कारण उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था। वामपंथी नेता के रूप में येचुरी की अलग पहचान रही है, और उन्होंने हमेशा वामपंथी विचारधारा के समर्थन में आवाज उठाई।